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जज लोया की मौत के मामले में जांच के लिए राष्ट्रपति से मिलने वाले सभी विपक्षी दलों की अहम बैठक

meeting जज लोया की मौत के मामले में जांच के लिए राष्ट्रपति से मिलने वाले सभी विपक्षी दलों की अहम बैठक

नई दिल्ली। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे जज लोया की मौत के मामले में जांच के लिए राष्ट्रपति से मिलने वाले सभी विपक्षी दलों की शुक्रवार को एक अहम बैठक है। राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आज़ाद के कमरे में ये बैठक बुलाई गई है। जज लोया की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर फैसला आने के बाद के बाद के हालात पर इस बैठक में चर्चा होगी। बताया जा रहा है कि इस बैठक में कांग्रेस सहित 14 दलों के शामिल होने की संभावना है। राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद के कमरे में यह बैठक होगी। बैठक में जज लोया की मौत को लेकर दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट की ओर से खारिज किये जाने के बाद के हालत पर इस बैठक में चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबिक खबर है कि इस बैठक में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव पर भी चर्चा हो सकती है। विपक्ष की कोशिश की है इस मुद्दे पर ज्यादा से ज्यादा दलों के बीच सहमति बनाई जा सके।

meeting जज लोया की मौत के मामले में जांच के लिए राष्ट्रपति से मिलने वाले सभी विपक्षी दलों की अहम बैठक

कांग्रेस ने उठाए हैं 10 सवाल

1- जांच के बिना नहीं बता सकते हैं कि मौत प्राकृतिक थी या नहीं
2- SC के सामने वो तथ्य नहीं रखे गए जिनसे मौत पर शक हो रहा है
3- लोया के साथी जजों का बयान किसी मजिस्ट्रेट के सामने नहीं हुआ है
4- पुलिस के सामने किसी का बयान क़ानूनन मान्य नहीं
5- अगर मौत प्राकृतिक है तो जांच से डर क्यों?
6- SC के फ़ैसले को तोड़-मरोड़कर राजनीति कर रही है BJP
7 – जज लोया की मौत का हार्ट अटैक से मौत बताया गया था. लेकिन ईसीजी की रिपोर्ट में ऐसा नहीं है
8 – नागपुर में जज लोया की सुरक्षा को हटा दिया गया था और वह मुंबई से नागपुर ट्रेन से गए थे
9 – पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनका नाम गलत क्यों लिखा गया था
10 – परिवार को जज लोया के कपड़ों में खून मिला था। उनकी मौत के बाद दो अन्य जजों की भी मौत हुई।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को लगाई है फटकार

वहीं सीबीआई जज बीएच लोया की मौत मामले में एसआईटी जांच वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। याचिकाकर्ताओं को कड़ी फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसआईटी जांच वाली याचिका में कोई दम नहीं है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ऐसी याचिकाओं के लिए कोर्ट के पास समय नहीं है। इससे कोर्ट का वक्त बर्बाद होता है।

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