सीनियर पत्रकार कुलदीप नैयर का निधन दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में निधन हो गया है। नैयर ने अपने जीवन में कई किताबें लिखीं हैं। मालूम हो कि नैयर की किताबें कई भारतीय राजनीति और आपातकाल पर आधारित है।आपको बता दें कि लेखक कुलदीप नैयर का 95 साल की उम्र में स्वर्गवास हो गया है।पत्रकारिता जगत में कई वर्षों तक सक्रिय रहने के साथ नैयर ने एक राजनेता और कूटनीतिज्ञ के तौर पर भी काम किया है। नैयर ने अपने जीवन में कई किताबें लिखीं हैं,जिनमें उनकी आत्मकथा भी शामिल है।मालूम हो कि नैयर ने अपनी किताबों से राजनीति के कई भेद भी खोले हैं।
वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का 95 साल की उम्र में निधन
नैयर की कुछ किताबों के बारे में जानते हैं-
बियॉन्ड द लाइंस-कुलदीप नैयर की आत्मकथा है इस किताब में उन्होंने पाकिस्तान में जन्म से लेकर भारत में पत्रकारिता और राजनीतिक उथल-पुथल की घटनाओं को मार्मिक ढ़ग सेप्रस्तुत किया हैबताते चलें कि नैयर ने इस किताब में अपने पत्रकारिता क्षेत्र से लेकर सासंद बनने तक की यात्रा और इमरजेंसी से जुड़ी विभिन्न बातों का उल्लेख किया है।नैयर ने इस किताब में लाल बहादुर शास्त्री के पीएम बनने के कारण को अपनी खबर में बताया था।
विदआउट फियर- “लाइफ एंड ट्रायल ऑफ भगत सिंह
विदआउट फियर- “लाइफ एंड ट्रायल ऑफ भगत सिंह” यह किताब शहीद भगत सिंह के जीवन पर आधारित है।
आपको बता दें कि इसमें नैयर ने भगत सिंह के बारे में बताया है। जिसमें उनकी मान्यताएं, उनका बौद्धिक झुकाव,
उनके सपने और उनकी निराशा वगैरह का व्याख्यान है।
इंडिया हाउस-कुलदीप नैयर यूके में हाई कमिश्नर रहे थे और उसके बाद उन्होंने ‘इंडिया हाउस’ किताब लिखी थी। इस किताब में उनके राजनीतिज्ञ रहने के दौरान जो अनुभव किया, उसको लिखा है।
द जजमेंट– “इनसाइड स्टोरी ऑफ द इमरजेंसी इन इंडिया”कुलदीप नैयर ने किताब ‘द जजमेंट में 12 जून 1975, को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी को लेकर फैसला सुनाया था। वहां से अपना वर्णन शुरू किया था। गौरलब है कि आपातकाल पर लिखी खास किताबों यह भी शामिल है।इंडिया आफ्टर नेहरू-किताब इंडिया आफ्टर नेहरू में नैयर ने भारतीय राजनीति में उस समय उतार-चढ़ाव के बारे में लिखा है। इस किताब में 1964 से 1975 तक की जानकारी को उल्लेख किया गया है।