कुंभ पर्व हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु कुंभ पर्व स्थल प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में स्नान करते हैं. इनमें से प्रत्येक स्थान पर प्रति बारहवें वर्ष और प्रयाग में दो कुंभ पर्वों के बीच छह वर्ष के अंतराल में अर्धकुंभ भी होता है. 2013 का कुम्भ प्रयाग में हुआ था. फिर 2019 में प्रयाग में अर्धकुंभ मेले का आयोजन हुआ था.
कुंभ मेला 2021 कहां आयोजित होगा?
साल 2020 में प्रयागराज में कुंभ मेला 10 जनवरी, शुक्रवार से आरंभ होकर 9 फरवरी, रविवार को समाप्त हुआ. अगला कुंभ मेला वर्ष 2021 में हरिद्वार में आयोजित किया जायेगा. हरिद्वार में पिछला कुंभ 1998 में हुआ था.
कुंभ मेले मे गंगा स्नान का महत्व-
मोक्ष की प्राप्ति
हिंदू धर्म में कुंभ की धार्मिक मान्यता है और इसे एक महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाया जाता है. कुंभ मेला हर 12 साल में आता है. दो बड़े कुंभ मेलों के बीच एक अर्धकुंभ भी लगता है. कुंभ का मेला मकर संक्रांति के दिन शुरु होता है. इस दिन जो योग बनता है उसे कुंभ स्नान-योग कहते हैं. हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार किसी भी कुंभ मेले में पवित्र नदी में स्नान या तीन डुबकी लगाने से सभी पुराने पाप धुल जाते हैं और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
गंगा जल हो जाता है औषधिकृत
कहा जाता है कि इस दौरान ग्रहों की स्थिति हरिद्वार से बहती गंगा के किनारे पर स्थित हर की पौड़ी के पास गंगा जल को औषधिकृत करती है. साथ ही ये भी मान्यता है कि उन दिनों ये अमृतमय हो जाती है. यही कारण है कि अपनी अंतरात्मा की शुद्धि के लिये पवित्र स्नान करने लाखों श्रद्धालु यहां जुटते हैं.
कुंभ में किन तारिखों पर होगा स्नान
मकर संक्रांति- 14 जनवरी 2021
मौनी अमावस्या- 11 फरवरी 2021
बसंत पंचमी- 16 फरवरी 2021
माघ पूर्णिमा- 27 फरवरी 2021
महा शिवरात्रि (शाही स्नान)- 11 मार्च 2021
सोमवती अमावस्या (शाही स्नान)- 12 अप्रैल 2021
बैसाखी (शाही स्नान)- 14 अप्रैल 2021
राम नवमी (स्नान)- 21 अप्रैल 2021
चैत्र पूर्णिमा (शाही स्नान)- 27 अप्रैल 2021