नई दिल्ली। अगर किसी मामले को तूल देना हो तो हमारे राजनीतिक नेताओं से सीखों। हमारे देश के राजनीतिक दलों को किसी भी मामले को तूल देने में महारत हासिल है। इसी कड़ी में अब सुप्रीम कोर्ट के मसले में भी राजनीति रंग भरने लगा है और विपक्ष इस मामले के बहाने केंद्र सरकार पर हमला करने की पूरी तैयारी कर रहा है। राजनीतक दल इस मामले में चार जजों द्वारा आरोपी बनाए गए मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग चलाने पर विचार कर रहा हैं। सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी का कहना है कि जो कुछ हुआ वो बेहद शर्मनाक था, लेकिन अब हम उससे आगे की बात सोच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बजट सत्र में विपक्षी दलों के साथ मिलकर जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग चलाने की सरकार से मांग की जाएगी। आपको बता दें कि बजट सत्र दो चरणों में आयोजित होने जा रहा है, जिसका पहला चरण 29 जनवरी से नौ फरवरी और दूसरा चरण पांच मार्च से छह अप्रैल के बीच रखा गया है। वहीं आम बजट वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा एक फरवरी को संसद के पटल पर रखा जाएगा।
सीपीएम महासचिव ने बताया कि विपक्ष के सभी दलों से चर्चा की जा रही है कि क्या महाभियोग लाना उचित रहेगा। इससे पहले सीपीएम के अलावा कांग्रेस ने भी मांग की थी कि चार जजों ने जो मसले उठाए हैं, उनकी जांच होनी चाहिए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने इतिहास में पहली बार प्रेस वार्ता का आयोजन किया था। इसमें उन्होंने लोकतंत्र पर खतरा बताते हुए मुख्य न्यायाधीश पर संगीन आरोप लगाए थे। हालांकि प्रधान न्यायाधीश ने सिलसिलेवार सभी असंतुष्ट जजों से बात करके विवाद को विराम देने की कोशिश की, लेकिन सोमवार को जस्टिस जे. चेलेमेश्वर का जो रवैया दिखा, उससे लगता नहीं कि विवाद इतनी जल्दी समाप्त हो पाएगा।