- भारत खबर || नई दिल्ली
शाहीन बाग के CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन व धरने को लेकर सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने अपना अहम फैंसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सार्वजनिक स्थल पर अनिश्चितकालीन धरना उचित नहीं है। चाहे वह शाहीन बाग़ हो या फिर देश की कोई और जगह। सुप्रीम कोर्ट Supreme Courtका कहना है कि प्रदर्शन करने के लिए जो स्थान निर्धारित किए गए हैं। उन्हीं स्थानों पर प्रदर्शन होना चाहिए और अपनी मांगों को लेकर बैठना चाहिए । आवागमन के अधिकारों में सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।
बताते चलें कि केंद्र सरकार के द्वारा जारी किए गए नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन में भारी विरोध हुआ था। जिसने देश में अपना एक विकराल रूप ले लिया था। बताते चलें कि नागरिक संशोधन नियम में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया था। इस कानून को धर्मों का बटवारा करने वाला बताने के आधार पर भारी विरोध प्रदर्शन हुआ था।
चित्रों के मुताबिक पता चला है कि सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने सार्वजनिक स्थानों पर अनिश्चितकालीन धरने को लेकर अपना बड़ा फैंसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सार्वजनिक स्थलों पर अनिश्चितकालीन धरना उचित नहीं है। सार्वजनिक स्थलों पर अनिश्चित कालीन धरना नहीं किया जा सकता। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक तौर पर बैठकों पर भी प्रतिबंध लगाया है। सुप्रीम कोर्ट Supreme Court का कहना है कि भारतीय संविधान विरोध करने का अधिकार देता है। लेकिन नागरिकों को अपने कर्तव्य का पालन भी करना चाहिए।