भारतीय सैन्य अकादमी की 143 रेगुलर और 126 टीजीसी कोर्स की पासिंग आउट परेड के पहले आईएमए के कमांडेंट की परेड का आयोजन बीते गुरूवार को चैटवुड बिल्डिंग के बाहर परेड ग्राउंड पर पूरी भव्यता के साथ हुई। पूरे शान से परेड के पथ पर बढ़ता इन जैन्टिल मैन कैडेट का जोश और जुनून इस परेड की भव्यता की कहानी बयां कर रहा है।
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इसकी ग्राउंड पर पासिंग आउट परेड कर देश की सेना में अफसर की भूमिका निभाने का गौरव इन कैडेटों को हासिल होने वाला है। इस अकादमी में हर साल 2 बार पासिंग आउट परेड होती है।इस परेड की परम्परा है कि जो अतिथि इस परेड का मुख्य अतिथि होता है।वो पूरे सैन्य सम्मान के साथ इस परेड की भव्य सलामी परेड के कमांडर के साथ खुली जीप में लेता है। इसके बाद पूरी परेड अलग अलग ट्रुप में सलामी मंच से होती हुई।आए हुए अतिथि को समाली देती है।
परेड में मेडल दिए गए मेडल
इस परेड में अतिथि द्वारा ट्रैनिंग के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जैन्टिल मैन कैडेट को गोल्ड मेडल, सिल्वर मेडल व ब्राउंस मेडल के साथ ही सर्वोत्म प्रदर्शन के लिए सोल्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। ये परेड ना केवल एक दूसरे अध्याय की शुरूवात है बल्कि देश के लिए अपनी जिम्मेदारियों का बड़ा एहसास ही है। इसी के साथ परेड में शामिल कैडेट मार्च करते हुए चैटवुड बिल्डिंग के अन्दर अन्तिम पग को पार कर दूसरी दुनियां की भव्य और जिम्मेदारी भरी यात्रा के यात्री बन जाते हैं।इसके दूसरी दुनियां में स्वागत के लिए जहां धरती बांहे फैलाती है। वहीं आसमान से सेना के हेलीकॉप्टर फूलों की बारिश कर इनके जीवन में नया अध्याय लिखते हैं।