कानपुरः उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन की लगातार कोशिशों के चलते कोरोना की दूसरी लहर पर रफ्तार जरुर कम हो गई है, लेकिन तीसरी लहर का खतरा अभी भी बना हुआ है। इस बीच की विशेषज्ञ थर्ड वेव आने से पहले ही इससे बचने व उपायों की खोजबीन में लगे हुए हैं।
इन सब के बीच कानपुर आईआईटी ने तीसरी लहर को हराने के लिए ‘संजीवनी’ तैयार कर ली है। ये एक तरह का खास ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर है। इसको बनाने का उद्देश्य पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सप्लाई को सुनिश्चित करना है, जो इस साल सितंबर और अक्टूबर में संक्रमण के दौरान संसाधनों की कमी को पूरा करेगा।
ये है खासियत
मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की ओर से तैयार इस कॉन्संट्रेटर को विकसित करने का उद्देश्य ऑक्सीजन की कमी को पूरी करना है। ये संजीवनी कॉन्सेंट्रेटर 10 लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट (LPM) की प्रवाह दर पर काम करता है और साथ ही 92% ±3 की ऑक्सीजन शुद्धता को रिले करता है। इस उपकरण को 1 से 10 एलपीएम के पैमाने से एडजस्ट किया जा सकता है, जिससे यह घरेलू और मेडिकल दोनों क्षेत्रों में उपयोग किया जा सकता है।
इस कंपनी को दिया लाइसेंस
फिलहाल, आईआईटी ने पीएसए तकनीक से लैस एक इस संजीवनी कॉन्सेंट्रेटर को वाणिज्यिक पैमाने तक पहुंचाने और जनता को लाभ पहुंचाने के लिए, बेंगलुरु स्थित कंपनी, एल्बोट टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड को लाइसेंस दिया है।