कहते हैं अगर इंसान का दिमाग सही है तो सब कुछ सही है। लेकिन अगर इंसान दिमाग से कमजोर हो जाए तो उसकी जिंदगी में कुछ नहीं बचता है। लेकिन आज के समय में लोगों के जीने का तरीका बदल गया है वह अपनी जिंदगी में इतना व्यस्त रहने लगे हैं कि धीरे-धीरे इसका असर उनकी याददाश्त पर पड़ रहा है। जिससे लोगों की याददाश्त कमजोर होती जा रही है। वैसे याददाश्त कमजोर होना ज्यादातर बुजुर्गों में देखा जाता है। कहा जाता है कि बुजुर्गों की याददाश्त उनकी उम्र के बढ़ने के कारण कमजोर हो जाती है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि खान-पान सही न होने के कारण ये शिकायत किसी भी उम्र के लोगों में हो जाती है।
इसलिए इंसान के लिए अपनी डाइट को सही रखना बहुत जरूरी है। क्योंकि डाइट सही ना होने के कारण सिर्फ दिमाग ही नहीं शरीर भी कमजोर हो जाता है। सही डाइट से दिमाद के साथ-साथ शरीर भी तंदरूस्त रहता है। दिमाग तेज करने के लिए रोजमेरी, जिसे गुलमेहंदी के नाम से भी जाना जाता है, याददाश्त बढ़ाने में काफी मदद करती है। यह अल्जाइमर या डिमेंशिया (मनोभ्रंश) के मरीजों के लिए भी फायदेमंद रहती है। बता दे कि रोजमरी का स्वाद अद्भुत होने के सात उसके फायदे भी काफी अद्भुत हैं। जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद हैं।
अगर आपके शरीर में इम्यूनिटी कमजोर है तो इसके लिए उपचार करना जरूरी है। अगर आपके शरीर की इम्यूनिटी मजबूत है तो आप किसी भी बिमारी से लड़ने के लिए तैयार रहते हैं। शरीर में प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले गुणों को काफी प्रभावशाली माना जाता है। जो अपके शरीर में इम्यूनिटी को बढ़ाने मे मदद करते हैं।
रोजमेरी को आप पेट खराब होने में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ये कब्ज, सूजन, दस्त, आदि के लिए प्राकृतिक उपायों में से एक है। क्योंकि इससे जूसन कम होती है और ये शारीरिक क्षमता को बढ़ाती है। विशेषज्ञयों का कहना है कि हफ्ते में एक बार इसका सेवन जरूर करना चाहिए।
रोजमेरी लाल रक्त कोशिकाओं (रेड ब्लड सेल्स) को बनाती है। वहीं इससे ब्लड सर्कुलेशन (रक्त परिसंचरण) भी बढ़ता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी फायदेमंद है।
वहीं रोजमेरी को लेकर विषेशज्ञयों का कहान है कि इसकी खूशबू मूड को ठीक करती है। साथ ही चिंता और तनाव से भी दूर रखने में रोजमेरी काफी फायदेमंद है। इसके तेल का इस्तेमाल करने से तनाव में राहत मिलती है। इसके पानी का इस्तेमाल करने से सांसों में भी राहत मिलती है।