लखनऊ । जी हां यह धमकी है जो रोजाना तबीयत खराब होने की वजह से ड्यूटी पर न आ रहे लेखपालों को मिल रही है और इन लेखपालों को यह धमकी कहीं और से नहीं जिलाधिकारी कार्यालय से मिल रही है ।धमकी मिलने के बाद जब लेखपाल संघ के जिला अध्यक्ष सुशील कुमार शुक्ल ने प्रभारी जिलाधिकारी डॉक्टर रोशन जैकब को इस मामले की जानकारी व्हाट्सएप द्वारा पत्र लिख कर दी । तब भी इस मामले पर उनके द्वारा किसी भी तरह का जवाब नहीं दिया गया ।
जनपद में फिलहाल कुल 318 लेखपाल के पद हैं। जिनमें से ज्यादातर लेखपाल रिटायर हो चुके हैं और अब कुल मिलाकर इनकी संख्या मात्र 222 ही बची है। फिलहाल कोरोना की दूसरी लहर के बीच इनमें से कई लेखपालों को शहर के कई अन्य स्थानों पर स्थित ऑक्सीजन गैस सिलेंडर की आपूर्ति करने वाले संस्थानों का नोडल नामित किया गया है ।
लेकिन इस महामारी के बीच जितने भी लेखपालों की ड्यूटी लगाई गई । उनमें से 60% लेखपाल फिलहाल के कोरोना के लक्षण से ग्रसित है। जिस कारण इन सभी लेखपालों के परिवार के लोग दहशत में है । लेकिन इन सभी लेखपालों के कई बार अपने अधिकारियों को सूचित किए जाने के बावजूद अधिकारी अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं और जबरन काम करने पर मजबूर कर रहे हैं।
सरोजनीनगर सीएससी ने जांच करने से किया इनकार
लेखपालों द्वारा कोरोना के लक्षण से ग्रसित होने के बाद सभी लेखपालों की जांच सीएचसी सरोजनीनगर को करने के निर्देश दिए गए थे । लेकिन जांच कराने के लिए जब तहसीलदार सरोजिनी नगर में सीएचसी अधीक्षक से संपर्क किया तो अधीक्षक ने अपने हाथ खड़े कर लिए और जांच कराने के बाद पर सीधे इनकार कर दिया । जिसके बाद सभी लेखपालों ने अपनी सुविधा के अनुसार अन्य स्थानों पर जाकर जांच कराया है ।
रिपोर्ट पॉजिटिव होने के बावजूद तहसील आने का डाला जा रहा है दबाव
कुल 222 लेखपालों में 20 लेखपाल ऐसे हैं जिनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव है। इन सभी 20 लेखपालों को संक्रमण के लक्षण बहुत अधिक है । इसके बावजूद इन सभी कर्मियों पर तहसील आगर काम करने का दबाव अधिकारियों द्वारा डाला जा रहा है और तहसील ना आने पर इन्हें सस्पेंड करने की भी धमकी दी जा रही है।
पॉजिटिव होने के कारण परिवार वालों में दहशत का माहौल
कोरोना वायरस के लक्षण से ग्रसित सभी लेखपालों के परिवार के सदस्यों में एक भय का माहौल पैदा हो गया है। परिवार के लोगों में यह डर इसलिए है क्योंकि कोरोना से ग्रसित होने के बावजूद लेखपालों को जबरन तहसील बुलाकर ड्यूटी कराई जा रही है और काम करने पर मजबूर किया जा रहा है।
पॉजिटिव होने के बावजूद लिक्विड ऑक्सीजन गैस संस्थानों पर लगाई ड्यूटी
जिन लेखपालों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव है उनको सिर्फ तहसील ही नहीं बल्कि उनकी ड्यूटी लिक्विड गैस की सप्लाई करने वाले सभी स्टोर पर लगा दी गई है । संक्रमित होने की सूचना देने के बावजूद इन पर जबरन ड्यूटी करने के लिए जोड़ दिया जा रहा है । जिन लेखपालों की ड्यूटी इस समय लिक्विड गैस की सप्लाई करने वाले स्टोरों पर लगाई गई है । उनमें से ज्यादातर लेखपाल इस समय कोरोना के गंभीर लक्षणों के साथ संक्रमित हैं।
अगर नहीं छोड़ी मनमानी तो दर्ज कराएंगे मुकदमा
लेखपाल संघ के जिला अध्यक्ष सुशील कुमार शुक्ला इस मामले पर बताया कि प्रभारी जिलाधिकारी को पत्र लिखने के बावजूद इस मामले पर अभी किसी भी तरह की सुनवाई नहीं हुई है । संक्रमित सभी लेखपालों को ड्यूटी पर जबरन बुलाना जिला प्रशासन की लापरवाही को साफ तौर पर दर्शाता है। संक्रमित होने के बावजूद लेखपालों की ड्यूटी गैस सप्लाई स्टोर पर लगाए जाने से संपर्क में आने वाले कई अन्य लोग संक्रमित हो सकते हैं । इसके अलावा ड्यूटी करने वाली लेखपालों पर वायरस का ज्यादा प्रभाव पड़ने से उनकी जान को भी खतरा है। अगर प्रभारी जिलाधिकारी द्वारा जल्द ही इस मामले पर किसी प्रकार का निर्णय नहीं लिया जाता है तो मजबूरन हम अपने अधिकारियों के ऊपर मुकदमा भी दर्ज कराएंगे।