नई दिल्ली। वैसे तो आपने काल सर्प योग के बारे में कई बाते लोगों से सुनी होगी और मन में कई तरह के सवाल भी उठते होंगे कि आखिर ये है क्या? कालसर्प एक ऐसा दोष है जिससे कि इंसान का बनता हुआ काम बिगड़ जाता है या फिर उस कार्य को करने के लिए व्यक्ति को कई बार कोशिश करनी पड़ती है। कुंडली में बहुत सारे योग होते है जैसे अंगारक योग, चांडाल योग, श्रापित दोष,वैद्यव्य योग इसी प्रकार से काल सर्प के 12 तरह के प्रकार होते है। हर प्रकार मनुष्य के जीवन में अलग तरह की परेशान लेकर आता है।
ऐसा कोई जरुरी नहीं है कि कालसर्प आपको सिर्फ आर्थिक हानि ही दे यह आपके स्वास्थ्य, संतान, यश और बिना वजह किसी केस में उलझना इस दोष में शुमार है। लेकिन इस दोष को कुछ उपाय अपनाकर शांत किया जा सकता है। इसके साथ ही इसे शांत करने के लिए आपको रोज पूजा अर्चना करनी होगी। कालसर्प यानि की नाग देव से संबंधित दोष। राहु और केतु के बीच जब सारे ग्रहों का समावेश होता है तब इस दोष की उत्पत्ति होती है। इससे उबरने या फिर इसे शांत करने के लिए अगर कुछ उपायो और नियमों का पालन विधि विधान से किया जाए तो आप इससे आसानी से मुक्त हो सकते हैं।
नियमित रुप से करनी होगी पूजा:-
अक्सर लोग इस दोष से राहत पाने के लिए कई उपाय करवाते है उसके बाद भी उनकी शिकायत रहती है कि वो अभी भी परेशानी झेल रहे है। लेकिन इन परेशानियों का एकमात्र कारण नियमों को सही ढंग से पालन न करना हो सकता है। अगर आपकी कुंडली में चन्द्रमा खराब हैं, और आप उस नीच राशि के चन्द्रमा के कारण डिप्रेशन, सर्दी खांसी, निमोनिया से परेशान हो तो पूजा कराने के बाद कम से कम एक वर्ष तक हर एक सोमवार शिव मन्दिर जाए।पूर्णिमा को चन्द्र देव को कच्चे दूध का अर्घ्य दे ,साथ ही अपनी मां के प्रति जिन्दगीं मे कभी भी दुर्व्यवहार या अपमान नहीं करे, उनका हर दिन आशीर्वाद लेकर ही निकले आपकी पूजा सफल हो जायगी ।
योगेश जैन, ज्योतिष गुरु
फोन नं – 9560711993
ई मेल आई डी- yogeshjain1967@gmail.com