लखनऊ: मोबाइल फोन की बैटरी हमेशा बनी रहे, इसके लिए कई जतन अपनाए जाते हैं। पॉवर बैंक का इस्तेमाल भी उसी कड़ी में होता है। दरअसल पॉवर बैंक उर्जा को संरक्षित करने की एक डिवाइस है, जिसका इस्तेमाल बाद में मोबाइल फोन को चार्ज करने में किया जाता है।
बिना सॉकिट के चार्जिंग
इसके लिए दोबारा सॉकिट से कनेक्ट करने की आवश्यकता नहीं होती। सीधा पॉवर बैंक से उर्जा फोन को चार्ज कर देती है, लेकिन कई बार पॉवर बैंक बड़ी समस्या पैदा कर देता है। मध्य प्रदेश के उमरिया में ऐसा ही एक मामला सामने आया, जहां पॉवर बैंक चार्जिंग के दौरान फट गया।
धमाका इतना खतरनाक रहा कि छप्पर के परखच्चे उड़ गए, घर की दीवारों पर भी इसका असर देखने को मिला। इसीलिए पॉवर बैंक जितना मददगार है, उतना ही खतरनाक भी है। जरूरी है कि हम इससे जुड़ी सभी बातों को जानते रहें और सुरक्षित रहकर इसका इस्तेमाल करें।
पॉवर बैंक या मोबाइल फोन कोई भी वस्तु खरीदते समय उसकी क्वालिटी चेक करना सबसे जरूरी बात होती है। खराब क्वालिटी का पॉवर बैंक लेने पर यह हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकता है। दुकान पर खरीदते समय यह चेक कर लें कि डिवाइस में एनर्जी का ट्रांसफर कितना सही तरीके से हो रहा है। पॉवर बैंक की स्टोरेज क्षमता और अन्य पहलुओं पर विचार करने के बाद ही इसे खरीदना चाहिए। नहीं तो कई बार यह फोन और हमारे शरीर दोनों को नुकसान पहुंचाता है।
चार्जिंग के दौरान रखें ध्यान
पॉवर बैंक लगाकर अगर आप चार्जिंग कर रहे हैं तो ऐसे समय मोबाइल का प्रयोग ना करें और कुछ दूरी पर रखकर ही उसे चार्ज करें। जिस यूएसबी केबल से आप मोबाइल फोन को चार्ज कर रहे हैं, वह बेहतर और अच्छी क्वालिटी का होना चाहिए। कहीं से कटा होने पर या चालू क्वालिटी का होने पर यह नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आपके पास लाइट का अच्छा स्रोत है तो पॉवर बैंक का इस्तेमाल ना करें।
इमरजेंसी की स्थिति में ही पॉवर बैंक से फोन को चार्ज करें। कभी भी जेब में एक साथ पॉवर बैंक और मोबाइल रखकर ना चलें। विशेषकर चार्जिंग के दौरान ऐसा ना करें, पॉवर बैंक में मोबाइल फोन लगाकर लंबे समय के लिए नहीं छोड़ देना चाहिए। इससे फोन की स्पीड पर भी बुरा असर होता है। पॉवर बैंक के ऊपर मोबाइल रखकर नहीं चार्ज करना चाहिए क्योंकि एक समय के बाद पॉवर बैंक गर्म होने लगता है, जो मोबाइल फोन पर भी असर डालता है।