नैनीताल। उत्तराखंड के उच्च न्यायालय ने जिला पंचायत सदस्यों और ब्लॉक पंचायत सदस्यों के पदों पर चुनाव लड़ने से दो से अधिक बच्चों के साथ उन लोगों पर रोक लगाने के प्रावधान से इनकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग को चार सप्ताह के भीतर अदालत में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। दो से अधिक बच्चों वाले लोग जिला पंचायत और ब्लॉक विकास समितियों में पदों के लिए पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
अल्मोड़ा के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, मोहन सिंह मेहरा और अन्य ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार ने दो से अधिक बच्चों के साथ जिला और ब्लॉक पंचायतों में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया था। याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि राज्य सरकार इस अधिसूचना को बैक-डेट से लागू कर रही है और इस उदाहरण में कोई अनुग्रह अवधि नहीं दी गई है।
याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा था कि उच्च न्यायालय ने दो बच्चों के साथ ग्राम पंचायत चुनाव लड़ने की अनुमति दी थी, जबकि 25 जुलाई को कट-ऑफ तिथि निर्धारित की गई थी, जिसमें कहा गया था कि इस तिथि के बाद केवल दो से अधिक बच्चों वाले लोग चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होंगे।