- संवाददाता, भारत खबर
लखनऊ। वर्तमान सरकार की पोल खोलना बेहद जोखिम भरा होता जा रहा है और अब तक दर्जनों ऐसे केस सामने आए हैं जब पत्रकारों पर दमनात्मक रवैया के साथ कार्रवाई की गई। इसी का ताजा मामला है मिर्जापुर में प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को नमक रोटी खिलाने की खबर का प्रकाशन करना।
जनपद मिर्जापुर के अहरौरा थाना के सिऊर गांव में चल रहे एक प्राथमिक विद्यालय के मिड डे मील में गड़बड़ियों की शिकायतें आ रही थी जिसकी खबर चलाने के एवज में जिलाधिकारी ने कई अधिकारियों को निलम्बित कर दिया था।
इससे परेशान खंड शिक्षा अधिकारी #BEO_Mirjapur ने दो नामजद समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया और आरोप लगाया साजिशन वीडियो बनाने का। तहरीर में पुलिस ने दो नामजद सहित तीन लोगों के खिलाफ कूट रचित तरीके से वीडियो बनाकर वायरल करने एवं सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
- अब जरा आप ही बताईये क्या नमक-रोटी खिलाना सरकारी कार्य में बाधा डालना है?
- वीडियो में नमक-रोटी खाने वाले ये बच्चे क्या छद्म तरीके से बनाए जा सकते हैं?
- अगर नमक-रोटी खिलाना सरकारी कार्य है और इसे बच्चों को खाने देने में परेशानी उत्पन्न की जा रही है तो इस तरह से जिलाधिकारी मिजर्रापुर के खिलाफ भी एफआईआर होनी चाहिए?
- क्योंकि उन्होंने भी शिक्षा विभाग के सरकारी कार्य को पूरा नहीं होने दिया और बच्चों को नमक-रोटी खाने का मौका महज चंद दिनों तक ही मिला?
खंड शिक्षा अधिकारी प्रेम शंकर राय ने यह भी बताया कि प्राथमिक विद्यालय पर कुछ दिन पूर्व ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार पाल ने षड्यंत्र कर एक पत्रकार की मदद से वीडियो बनवाया है वहीं थानाध्यक्ष राजेश चौबे ने बताया कि मुकदमा दर्ज किया गया है। मजे की बात यह है कि पुलिस ने भी मान लिया कि प्रधान प्रतिनिधि ने जानबूझ कर सब्जी नहीं मंगवाई और मीडिया को बुलाकर वीडियो बनवा लिया। शासन के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।