पटना। बिहार में लॉकडाउन में चूक से यदि कोरोना तीसरे चरण यानी सामुदायिक संक्रमण में पहुंचा तो उसे संभालना मुश्किल होगा। प्रदेश में आवश्यक उपकरणों से लेकर चिकित्सक, नर्सो और पारा मेडिकल स्टाफ तक की घोर कमी है। सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी के अनुसार पटना में ही कुल मिलाकर 150 वेंटिलेटर और आइसोलेशन के लिए 1135 बेड हैं।
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सामुदायिक संक्रमण होने पर यदि पटना में 50 हजार लोग भी कोरोना वायरस की चपेट में आते हैं तो 6 प्रतिशत के हिसाब से करीब 3000 लोगों को वेंटिलेटर या आइसीयू की जरूरत होगी। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने राजधानी के बड़े नर्सिग होम से भी आपात स्थिति में सहयोग मांगा है लेकिन उन्हें मिलाकर भी वेंटिलेटर की संख्या करीब 250 ही हो रही है।