देहरादून। एक तरफ तो शादी की रात में पती-पत्नी सातों फेरे लेकर पूरी जिंदगी खुशी-खुशी साथ रहने की कसम खाते हैं, तो वहीं दूसरी ओर कहीं तो पत्नी अपने प्रमी, मयेके वाले या किसी साथी के साथ साजिश रचकर पति को मौत की नींद सुला देती है या फिर कहीं पर पति इतना निर्दयी और हैवानियत और जल्लाद का रूप धारण कर लेता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी क्रूरता की वारदात से अवगत कराएंगे, जिसमें पति ने हैवानियत और जल्लाद की सारी हदें पार कर दी हैं। इस तरह की वारदात के बारे में आपने ना तो कभी सुनी होगी, और ना ही कभी सोची होगी।
जीहां ये कोई कहानी नहीं है, देश के इतिहास में भी शायद ऐसा पहली हार देखने और सिनने को मिलेगा। एक कातिल इंजीनियर ने जल्लादी की हदे पार करते हुए आपनी जीवन साथी के 72 टुकड़े कर दिए और साथ ही साथ उसने उन टुकड़ों को अपने फ्रीज में भी सैट कर दिए, और उसके बाद पत्नी के शरीर के सारे टुकड़ों को एक-एक करके ठिकाने लगाता जा रहा था। आपको इस मामले में आगे की खबर पढ़कर आपके शरीर के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे। अचम्भे की बात तो यह है, कि अपनी शादी से पहले तो यह दोनों एक दूसरे से काफी प्यार भी किया करते थे, शादी से पहले इन राजेश गुलाटी और अनुपमा ने अपना 7 साल अफेयर भी चलाया है और फिर 10 फरवरी1999 में इन दोनों ने एक दूसरे से लव मैरिज कर व्यवाहिक जीवन के बंधनों में बंध गए।
आपको बता दें कि राजेश गुलाठी पेशे से सॉफ्टवेयर इंजिनीयर है। राजेश ने साल 1999 में अनिपमा से शादी करने के बाद सन् 2000 में पत्नी अनुपमा के साथ US जाकर रहने लगा था। राजेश के US जाने के काफी समय बाद उसके 2 बच्चे हुए और वो भी जुड़वा पैदा हुए थे। राजेश सन् 2006 के आस-पास अपने पूरे परिवार के साथ वापस दिल्ली आकर रहने लगे उसके कुछ समय बाद फिर पूरा परिवार देहरादून जाकर रहने लग गए। बस उनका देहरादून आना था और पूरे घर का नास होना था। देहरादून आने के बाद राजेश पत्नी अनुपमा पर काफी ज्यादा शक करने लगा था और दोनों के रिशते शक के जाल में इस कदर फंस गए कि पूरे परिवार का जीवन नरक कर दिया। 17 अक्टूबर देर रात में पत्थर काट ने वाले ग्राइंडर और आरी से राजेश ने पत्नी अनुपमा के टुकड़े-टुकड़े कर दिये। और इस वारदात से यह साफ हो गया कि राजेश आपनी पत्नी से काफी नफरत करने लगा था। 31 अक्टूबर2017 को कोर्ट ने राजेश गुलाठी को पत्नी अनुपमा का कातिल भी भी घोषित कर दिया गया और 1 सितंबर को सजा का एलान भी हो जाएगा।