नई दिल्ली। कश्मीर में ऑपरेशन ऑल आउट रोका क्या गया कश्मीर में तो मानों जैसे हिंसा का बोलबाला शुरू हो गया और कई जवान और आम नागरिक इस हिंसा का शिकार हो गए। पर पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या पर सवाल अभी भी बने हुए हैं। पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या की वजह क्या है? क्या पत्रकार शुजात बुखारी की ने कश्मीर में शांति की कामना की ये उनकी गलती है।
‘रमजान सीजफायर’ का विरोध
पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या के पीछे कहा जा रहा है कि हुर्रियत या पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ हो सकता है। बातचीत का समर्थन करने के लिए और ‘रमजान सीजफायर’ का विरोध नहीं करने की वजह से इनके भीतर शुजात बुखारी के खिलाफ गुस्सा था। बुखारी अपने इन प्रयासों के लिए पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की आंखों में खटकने लगे थे।
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सोशल मीडिया पर हिंसक कैंपेन
सूत्रों के मुताबिक ‘राइजिंग कश्मीर’ के संपादक बुखारी के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक कैंपेन चलाया गया था जो एक हिंसक कैंपेन था। दरअसल कट्टरपंथी अलगाववादी चाहते थे बुखारी भी उनकी तरह शांति के प्रयासों को नकारें पर बुखारी ने ऐसा नहीं किया और उसका खामियाजा बुखारी को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। बता दें कि बुखारी को एक महींने पहले ही सुरक्षा को लेकर सतर्कत बरतने के लिए कहा गया था।
लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी
पुलिस की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अगर बात करें तो एक संदिग्ध हत्यारा नावेद जट्ट है जो कि लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी है। पुलिस के मुताबिक श्रीनगर अस्पताल में चेकअप के दौरान यह आतंकी फरार हो गया था। एक अधिकारी ने कहा कि हमें आशंका है कि आईएसआई ने लश्कर-ए-तैयबा को बुखारी की हत्या के लिए निर्देश दिया था।