लखनऊ: योगी सरकार द्वारा चलाए गए मिशन शक्ति अभियान में पुलिस को बड़ी उपलब्धि मिली है। अभियोजन विभाग ने मिशन शक्ति अभियान के दौरान महिला एवं बाल अपराधों में प्रभावी पैरवी कर अभियुक्तों को अधिकतम सजा दिलाने में सफलता प्राप्त की है।
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मिशन शक्ति अभियान की अवधि में 12 अभियुक्तों को फाँसी की सजा सुनाई गई है तो वहीं महिला एवं बाल अपराध के 456 अभियुक्तों को आजीवन कारावास मिला है। 414 अभियुक्तों को 10 वर्ष से अधिक और 1178 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम कारावास की सजा मिली है।
अपर मुख्य सचिव गृह, अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि इतना ही नहीं 1580 अभियुक्तों को जिलाबदर कराया गया है। अभियान के दौरान 24 मार्च, 2021 तक 9881 अभियुक्तों की जमानतें खारिज कराई गईं हैं। यह अभियान 17 अक्टूबर 2020 से चलाया जा रहा है।
अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि इस अवधि में अभियान के दौरान बलात्कार सहित हत्या के ऐसे मामले जो विरले से विरले थे, उनमें प्रभावी अभियोजन द्वारा जनपद हापुड़, हाथरस, रायबरेली, बांदा, गाजियाबाद, हरदोई, जौनपुर, सुलतानपुर व बुलन्दशहर में विभिन्न अभियोगों में 12 अभियुक्तों को फांसी की सजा से दण्डित कराया जा चुका है।
शासन द्वारा निर्देश दिये गये थे कि बलात्कार सहित हत्या के मामलों में ऐसे मामले जो विरले से विरले पाये जायें, अभियोजन विभाग उनमें मृत्युदण्ड की सजा सुनिश्चित कराने के हर संभव प्रयास करें, ताकि अपराधियों के बीच यह संदेश स्पष्ट एवं मुखर रूप से पहुँचे कि यदि उनके द्वारा ऐसा जघन्य अपराध किया जायेगा तो उन्हें प्रत्येक दशा में मृत्युदण्ड ही मिलेगा।
अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन ने जानकारी दी कि अभियान के दौरान विभिन्न संवेदनशील प्रकरणों में तथा ऐसे मामलों में जिन्होंने समाज की आत्मा को झकझोर कर रख दिया था, उनमें अभियोजन द्वारा प्रभावी पैरवी कर अभियुक्तों को कठोर सजा करायी गयी।
आशुतोष पाण्डेय द्वारा बताया गया कि जनपद अलीगढ़ के थाना इगलास के अन्तर्गत एक मामले मे जहां एक बच्ची को अगवा किया गया था और मामला 11 साल से लम्बित था इसमें अभियोजन द्वारा तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा से दण्डित कराया गया।
उन्होंने यह भी बताया कि मिशन शक्ति अभियान के दौरान हत्या सहित दुष्कर्म करने वाले मुँहबोले चाचा का मामला हो या नैतिक पतन की पराकाष्ठा करते हुये अयोध्या के हैदरगंज थाना क्षेत्र में दुराचार करने वाले पिता को दण्डित कराने का मामला हो, अभियोजन ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए दोषियों को आजीवन कारावास से दण्डित कराया।