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Fast Radio Bursts: कहां से आती हैं रहस्यमय रेडियो तरंगे?, हबल टेलिस्कोप ने खोजा पता

Fast Radio Bursts Fast Radio Bursts: कहां से आती हैं रहस्यमय रेडियो तरंगे?, हबल टेलिस्कोप ने खोजा पता

इस सांसर में बहुत सी ऐसी पहेलियां है जिसको अभी सुलझाना नहीं जा सका है। फास्ट रेडियो बर्स्ट्स भी इन्हीं में एक पहेली है। ये तिरंगे बेहद छोटी और तीव्र रेडियो वेव पल्स डीप स्पेस से आती है। लेकिन ये जो रहस्यमय तरंगे आती हैं इनके पीछे का कारण क्या है और क्यों आती है इसका अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है। अब ऐस्ट्रोनॉमर्स ने 5 FRBs जिन गैलेक्सी से आ रही हैं, उनका पता लगा लिया है। इसका पता हबल टेलिस्कोप ने लगाया है।

दरअसल टेलिस्कोप पर अल्ट्रावॉइलट और इन्फ्रारेडर कैमरा लगा हुआ है। जिसने देखा है कि तरंगे कहां से आ रही हैं। उम्मीद है कि जल्द ही कैमरे से ये भी पता लिया जाएगा कि तरंगे कहां से पैदा होती हैं। और कैसे पैदा होती हैं।

क्यों अहम है यह खोज?

ब्रह्मांड में बहुत सारी तरंगें हैं। लेकिन अभी तक 15 हजार के करीब तरंगों को डिटेक्ट किया गया है। इस बार क्लस्टर तरंगों के आने से इसके पीछे की प्रक्रिया को समझने में मदद मिलने की उम्मीद है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की ऐस्ट्रोनॉमर मैनिंग्स ने नए नतीजों को उत्साहजनक बताया है। उनका कहना है कि पहली बार इतने FRBs को हाई रेजॉलूशन में देखा गया है और हबल ने दिखाया है कि ये एक गैलेक्सी की स्पाइरल आर्म पर या पास में हैं। ज्यादातर विशाल गैलेक्सी अभी नई हैं और इनमें सितारे बन रहे हैं। FRBs की पहचान से गैलेक्सी के द्रव्यमान और उसमें बनने वाले सितारों की गति को समझा सकता है।

गैलेक्सी में जहां से FBR आ रहे हैं, वहां पर किस तरह की गतिविधियां हो रही हैं। यह भी समझा जा सकता है। बताया जाता है कि सूरज जितनी ऊर्जा एक साल में उत्सर्जित करता है। FBR उतनी ही ऊर्जा एक पल में करता है। लेकिन परेशानी यह है कि इन्हें सिर्फ कुछ मिलि सेकंड के लिए ऑब्जर्व किया जा सकता है और ये कब होंगी, इसके बारे में पता नहीं होता।

रिसर्च कहता है कि किसी भी गैलेक्सी में स्पाइरल आर्म्स पर नए और गर्म सितारे होत हैं। कोई FBR जहां से आ रही है, उस आधार पर गैलेक्सी के बार में समझा या जाना जा सकता है। ये पांच FRB आर्म के सबसे चमकीले हिस्से से नहीं आई हैं। इस आधार पर माना जा रहा है कि ये Magnetar से आ रही हो सकती हैं। ये ऐसे घने सितारे होते हैं जिनका चुंबकीय क्षेत्र काफी ज्यादा शक्तिशाली होता है। विशाल सितारे जब न्यूट्रॉन स्टार बन जाते हैं, तो मैग्नेटाइज भी हो सकते हैं। जिसके बाद इनकी चमक निकलती है। और सतह पर चुंबकीय प्रक्रिया से रेडियो लाइट भी उत्सर्जित हो सकती है।

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