केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में ‘सामाजिक विज्ञान में कारगर नीति अनुसंधान (आईएमपीआरईएसएस)’ कार्यक्रम के वेब पोर्टल का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए जावडेकर ने कहा कि इसके अंतर्गत उच्चतर शिक्षा संस्थानों में सामाजिक विज्ञान अनुसंधान को बढ़ावा देने और नीति निर्माण में अनुसंधान का लाभ उठाने के लिए दो वर्ष की अवधि की 1500 अनुसंधान परियोजनाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने कहा कि समाज की प्रगति के लिए सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान अनिवार्य है।इस कार्यक्रम के अंतर्गत किए गए अनुसंधान का इस्तेमाल उन समस्याओं के समाधान के लिए किया जाएगा, जिनका सामना समाज को करना पड़ रहा है।
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मंत्री ने कहा कि सरकार ने अगस्त, 2018 में 31 मार्च 2021 तक कार्यान्वित करने के लिए 414 करोड़ रुपये की कुल लागत के साथ ‘सामाजिक विज्ञान में कारगर नीति अनुसंधान’ कार्यक्रम को मंजूरी दी। और भारतीय सामाजिक विज्ञान एवं अनुसंधान परिषद को परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी बनाया गया था।
कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य निचे उल्लेखित किए गए हैं।
- शासन और समाज पर अधिकतम असर डालने वाले सामाजिक विज्ञानों में अनुसंधान प्रस्तावों की पहचान और उनके लिए धन प्रदान करना।
गौरतलब है कि 11 प्रमुख विषय क्षेत्रों में अनुसंधान पर ध्यान केन्द्रित करना जैसे- राज्य और लोकतंत्र, शहरी रूपांतरण, मीडिया, संस्कृति और समाज, रोजगार, कौशल और ग्रामीण रूपांतरण, शासन, नवाचार और सार्वजनिक नीति, विकास, बृहद-व्यापार एवं आर्थिक नीति, कृषि और ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और पर्यावरण, विज्ञान और शिक्षा, सामाजिक मीडिया और प्रौद्योगिकी, राजनीति, विधि और अर्थशास्त्र।परियोजनाओं का चयन ऑनलाइन पद्धति से पारदर्शी, प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया के जरिए सुनिश्चित करना। - सभी विश्वविद्यालयों (केन्द्रीय और राज्य), विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा 12(बी) का दर्जा प्रदत्त प्राइवेट संस्थानों सहित देश के किसी भी संस्थान में सामाजिक विज्ञान अनुसंधानकर्ताओं के लिए अवसर प्रदान करना।
- आईसीएसएसआर वित्त पोषित/मान्यता प्राप्त अनुसंधान संस्थान भी निर्दिष्ट विषयों और उप-विषयों में अनुसंधान प्रस्ताव प्रस्तुत करने के पात्र होंगे।
कार्यक्रम कैसे लागू होगा-
- प्रस्ताव चार बार आमंत्रित किए जाएंगे – अक्टूबर, 2018, फरवरी, 2019, सितम्बर, 2019 और फरवरी, 2020 । प्रस्तावों के मूल्यांकन और चयन की प्रक्रिया 90 दिन के भीतर पूरी की जाएगी।
- प्रस्तावों का मूल्यांकन सम्बद्ध क्षेत्र के प्रतिष्ठित और विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा किया जाएगा।
- ऑनलाइन पोर्टल का इस्तेमाल करते हुए परियोजनाओं की नियमित रूप से निगरानी की जाएगी, जहां परियोजना समन्वयक द्वारा प्रगति को सीधे अद्यतन बनाया जाएगा।
- मार्च, 2021 में परियोजनाओं का तृतीय पक्ष मूल्यांकन होगा।