नई दिल्ली। कैंसर आज के समय में काफी तेजी से बढ़ने वाली बीमारियों में से एक है जिसकी रोकथाम के लिए काफी प्रोग्राम चलाए जा रहें हैं। एक रिसर्च में इस बात का पता चला है कि अगर लाइफस्टाइल में कुछ आसान बदलाव किया जाए तो कैंसर मौंतो पर रोक लगाई जा सकती है। इस बीमारी के बड़े कारण-
नो स्मोकिंग प्लीज़
अगर आप कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचना चाहते हैं तो धूम्रपान करने से बचें। अगर आप खुद स्मोक नहीं करते हैं पर आपके आसपास कोई करता है तो उससे भी दूर रहें। निकोटीन में लगभग 43 कैंसरजनक पदार्थ पाए जाते हैं। अपने परिजनों व दोस्तों को भी इससे दूर रहने की सलाह दें।
मीट कुकिंग टिप्स
मीट कुकिंग टिप्स
कुछ रिसर्च से पता चला है कि मीट को हाई टेम्प्रेचर पर पकाने से उसमें मौज़ूद अमीनो एसिड्स टॉक्सिक कंपाउंड्स में बदल जाते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, जब मीट को खुली आंच पर पकाते हैं तो उसमें कार्सिनोजन बनने लगते हैं, जो कि कैंसर कारक तत्व माने जाते हैं। यानी कि मीट को पकाते समय विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
कॉफी का सेवन
कॉफी को स्वास्थ्य के लिए कभी अच्छा माना जाता है तो कभी खराब। हालांकि कैंसर की बात करें तो कॉफी के रोज़ाना सेवन से इससे बचा जा सकता है। एक दिन में लगभग 3-4 कप कॉफी का सेवन ओरल कैंसर से बचाव करता है। अगर महिलाएं एक दिन में 2 कप कॉफी का सेवन करें तो उनमें गर्भाशय कैंसर के होने की संभावना कम हो जाती है। कॉफी का सेवन ब्रेन कैंसर की आशंका को भी 40 प्रतिशत तक कम करता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन ने हाल ही में कॉफी को संभावित कैंसर कारकों की सूची से हटाया है।
स्किप द ड्राई क्लीनर
ट्रडिशनल ड्राई क्लीनिंग में परक्लोरोएथलीन (पीईआरसी) नाम का एक सॉल्वेंट पाया जाता है, जिससे लीवर और किडनी कैंसर के अलावा व्यक्ति को ल्यूकेमिया भी हो सकता है। पीईआरसी हवा, पीने के पानी, मिट्टी, कुछ लोगों के खून और ब्रेस्ट मिल्क में भी पाया जाता है। 2008 में पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) ने सुझाव दिया था कि पीईआरसी को मानव संभावित कैंसरकारी तत्वों की सूची में शामिल कर देना चाहिए। इससे ब्रेन और नर्वस सिस्टम को खासा नुकसान पहुंच सकता है।
कलर ऑफ आउटफिट्स
एक रिसर्च में साबित हुआ है कि नीले और लाल रंग के कपड़े सूरज की यूवी किरणों से त्वचा की बेहतर सुरक्षा करते हैं, जबकि पीले और सफेद रंग के कपड़े पहनने पर ऐसा मुमकिन नहीं हो पाता है। यह भी ध्यान रखें कि सिर पर कैप लगाने से भी स्किन कैंसर से बचा जा सकता है क्योंकि यह सूरज की हानिकारक किरणों को डायरेक्ट आप पर पड़ने से रोकने में मददगार होती है।
कैंसर हमेशा जेनेटिक नहीं होता है, लेकिन खराब लाइफ स्टाइल के कारण यह बीमारी हो सकती है। धूम्रपान और तंबाकू चबाने से कैंसर ज्यादा होता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि, “कैंसर कई बीमारियों का एक ग्रुप है। कैंसर शरीर के सभी जिंदा सेल में हो सकता है। कई तरह के कैंसर के कई तरह की हिस्ट्री है। हालांकि, कुछ दुर्लभ कैंसर जेनेटिक भी हो सकते हैं। लेकिन सबसे ज्यादा बीमारी एंवायरमेंट और खराब लाइफस्टाइल के कारण होती है।