नई दिल्ली। किसानों का ऐसा हिंसक आन्दोलन देखने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने उनका कर्ज तो माफ कर दिया हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने तो पहले से बिना ब्याज का कर्ज माफ दे रखा था। और अब मूल भी माफ करने पर विचार चल रहा हैं। लेकिन यह योजना किसानों के पास मौजूद जमीन के आकार से जुड़ी नहीं होगी।
मंत्री ने कहा कि कर्ज माफी के लिए जमीन के मालिकाना हक को नहीं जोड़ने का मतलब हैं कि अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिलेगा। अगर देखा जाए तो वास्तव में कर्ज माफी का पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा और आम आदमी को ही इसका बोझ उठाना पड़ेगा।
अनुमान लागाया जा रहा कि इस तरह किसानो का कर्ज माफ करने से डिफॉल्टरों को प्रोत्साहन मिलेगा सरकार वैसे भी डिफॉल्टरों की बढ़ती संख्या से चिन्तित हैं। बैंको के 9000 करोड़ डकार कर विज्य माल्या फरार होने के बाद यह मुद्दा ज्यादा ही गर्मा गया हैं।
मोदी सरकार ने हाल ही में अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए कुछ सख्त फैसले भी लिए हैं किफायत वाले कदम भी उठाए हैं राज्य सरकार इस तरह कर्ज माफ करेंगी तो केन्द्र के ये कदम बेअसर हो जाएंगे।
आम आदमी पर इसका सबसे बड़ा असर ये होगा कि इससे मंहगाई के बेकाबू होने का खतरा बढ़ेगा रिजर्व बैंक चाहकर भी ब्याज दरें कम नहीं कर पाएगा।
राजस्व मंत्री चन्द्रकांत पाटिल ने कहा कि समिति का इसलिए गठन किया जा रहा हैं क्योंकि पिछले कर्ज माफी पैकेज से कई अमीर किसानों को फायदा हुआ था पाटिल ने कहा कि किसान नेताओं के साथ बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया था और उन्होंने भी मांग की थी कि पहले जरुरतमंद किसानों को लाभ मिलना चाहिए और सरकार इस मांग पर सहमत हो गई थी।