जब से अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हुआ है। उसके बाद से ही तालिबान दूसरे देशों पर घात लगाने की कोशिश कर रहा है। वहीं अफगानिस्ता के काबूल में आंतकी हमले में 80 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। साथ ही 13 अमेरिकी जवान भी इस हमले में अपनी जान गवा चुके हैं। जिसके बाद से जो बाइडन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं समय से अफगानिस्तान से सेना न निकालने पर भी बाइडन की आलोचना हो रही है। वहीं इसका खामियाजा पूरी दुनिया को भुगतना पड़ सकता है।
बता दें कि अमेरिका के कुछ विमान तालिबानियों के हाथ लग गए हैं। साथ ही तालिबानियों को अमेरिका के हथियारों का कितना जखीरा मिल गया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत के पास अमेरिका का हाईटेक हेलीकॉपटर ब्लैक हॉक एक भी नहीं है। लेकिन तालिबान के पास ऐसे 46 हेलीकॉपटर होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। दरअसल तालिबान ने अफगानिस्तान पर 15 अगस्त को कब्जा कर लिया था।
वहीं तालिबान ने अफगानिस्तान के साथ-साथ वहां के उन विमान और हथियारों पर भी कब्जा कर लिया है जो अमेरिका से अफगानिस्तान को लड़ाई के लिए मिले थे। इसको लेकर अमेरिका के पूर्व यूएस नेवी रिजरविस्ट का कहना है कि इस सरकार की लापरवाही की वजह से तालिबान के पास 85 बिलियन डॉलर के अमेरिकी हथियार तालिबान के पास पहुंच गए हैं। तालिबान के पास आज इतने ब्लैक हॉक हेलीकॉपटर है। जिसने 85 प्रतिशत देशों के पास नहीं है।