भोपाल। पीएम मोदी के साक्षतकार के दौरान पकौड़ा बनाना रोजगार है कहने को लेकर सियासी गलियारो में मची खलबली में अब गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री और मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सरकार के पक्ष में उतर आई हैं। पटेल में पकौड़ा बनाने वाले पीएम के बयान को सही ठहराते हुए कहा कि विपक्ष पकौड़ा कारोबार को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहा है । उन्होंने कहा कि जो शख्स हर रोज पकौड़ा बेचकर 200 रुपये कमाता है उसे उसका रोजगार माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पकौड़ा बनाना एक स्किल है, जोकि एक बड़े बिजनेस की तरफ पहला कदम हो सकता है।
मध्यप्रदेश की राज्यपाल ने कहा कि अगर कोई दुकानदार अच्छे पकौड़े नहीं बनाता है तो उसके पास ग्राहक नहीं आते, लेकिन ऐसा मत सोचिए की ये एक अच्छा रोजगार नहीं हैं क्योंकि पकौड़ा बनाने वाला शख्स चाहे तो अगले तीन साल में खुद का रेस्ट्रां खोल सकता है और अगले पांच साल के अंदर अपना होटल बना सकता है। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में गोंड़ा महासभा को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बात कही। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने एक साक्षतकार के दौरान कहा था कि क्या अगर कोई शख्स हर रोज पकौड़ा बेच कर 200 रुपये कमाता है तो उसे रोजगार माना नहीं जाएगा।
उनके इस बयान पर विपक्ष के साथ और सोशल मीडिया में काफी आलोचना हुई थी और पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने कहा था कि अगर पकौड़ा बेचना रोजगार है तो भीख मांगने को क्या माना जाए, लेकिन इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा में अपने भाषण में पी. चिदंबरम के इस बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई मेहनत करके पकौड़े बेच स्वरोजगार करता है तो क्या उसकी तुलना भिखारी से की जाएगी।