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हॉन्ग कॉन्ग ने किया इन तीन दवाओं को मिलाकर कोरोना मरीज का इलाज, जल्द मिली राहत

हॉन्ग.jpg 2.jpg 3 हॉन्ग कॉन्ग ने किया इन तीन दवाओं को मिलाकर कोरोना मरीज का इलाज, जल्द मिली राहत

नई दिल्ली। हॉन्ग कॉन्ग से कोरोना वायरस को लेकर एक नई खुशखबरी सामने आ रही है। जबकि, पूरी दुनिया कोरोना वायरस की दवा और टीका बनाने में लगी है। अब हॉन्ग कॉन्ग के अस्पतालों में डॉक्टरों ने तीन दवाओं के मिश्रण से कुछ मरीजों को तेजी से ठीक किया है। इस दवा से ठीक हुए मरीजों और चिकित्सा पद्धति की यह रिपोर्ट द् लैंसेंट में प्रकाशित हुई है।

बता दें कि हॉन्ग कॉन्ग के 6 सरकारी अस्पतालों में हॉन्ग कॉन्ग यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने कोरोना वायरस से संक्रमित 127 मरीजों पर दवाओं का ट्रायल किया। इनमें 86 को तीन दवाओं का मिश्रण दिया गया जबकि 41 को सामान्य दवाओं के साथ एक अन्य दवा का मिश्रण डॉक्टरों का कहना है कि तीन दवाओं का मिश्रण बेहतर इलाज है या नहीं. लेकिन ये हमें कोरोना वायरस से लड़ाई करने में थोड़ा ज्यादा वक्त दे देगा। ताकि इस समय में हम कोरोना से लड़ने के लिए कोई वैक्सीन या दवा बना सकें। 

हॉन्ग हॉन्ग कॉन्ग ने किया इन तीन दवाओं को मिलाकर कोरोना मरीज का इलाज, जल्द मिली राहत

जिन 86 मरीजों को तीन दवाओं का मिश्रण दिया गया वो 7 दिन में ठीक हो गए। यानी कोरोना पॉजिटिव से कोरोना निगेटिव हो गए। उन्हें अस्पताल से घर वापस भेज दिया गया। जबकि, दूसरा ग्रुप उस समय भी इलाजरत था। हालांकि तीन दवाओं का ये मिश्रण उन मरीजों को दिया गया था जो कोरोना वायरस की वजह से गंभीर रूप से बीमार नहीं थे। हॉन्ग कॉन्ग के 6 अस्पतालों में जिन 86 लोगों को तीन दवाओं का मिश्रण दिया गया वो इसलिए जल्दी ठीक हुए क्योंकि इसमें तीन एंटीवायरल दवाएं हैं। आइए जानते हैं कि ये तीन दवाएं कौन-कौन सी हैं।

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पहली एंटीवायरल दवा है लोपिनाविर-रिटोनाविर (ब्रांड नेम- कालेट्रा) दूसरी दवा रिबाविरिन, ये हेपेटाइटिस-सी के इलाज में काम आती है। दोनों दवाइयां खाई जाती हैं। तीसरी दवा इंजेक्शन है। इसका नाम है इंटरफेरॉन बीटा-1बी ये दवा मल्टिपल स्क्लेरोसिस को ठीक करती है ताकि शरीर में दर्द, सूजन और वायरस का फैलाव न हो।  कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इंटरफेरॉन बीटा-1बी दवा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करती है। ताकि इंसान का शरीर किसी भी वायरस से संघर्ष कर सके।

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दूसरा ग्रुप जिसमें 41 मरीज थे, उन्हें सिर्फ सामान्य दवाओं के साथ लोपिनाविर-रिटोनाविर दिया गया था। हालांकि, लोपिनाविर-रिटोनाविर को कुछ डॉक्टरों ने उपयोग करना बंद कर दिया है क्योंकि ये दवा गंभीर रोगियों के इलाज में कारगर नहीं है। तीन दवाओं वाला मिश्रण लेने वाले मरीज 7 दिन में ठीक हो गए जबकि, सिर्फ लोपिनाविर-रिटोनाविर वाली दवा वाले मरीज 12 दिन में ठीक हुए। इतना ही नहीं तीन दवा के मिश्रण ने कोविड-19 के लक्षणों को भी 8 दिन से घटाकर 4 दिन में ठीक कर दिया।

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