पूरी दुनिया को कोरोना में उलझाकर पड़ोसी मुल्कों पर चीन की मनमानी लगातार बढ़ती जा रही है। और एक बार फिर से चीन की दरिंदगी की खबर सामने आयी है। जिसकी वजह से चीन की दुनियाभर में आलोचना हो रही है। चीन के झंडे तले आने के 23 साल पूरे होने के विरोध में निकाली गई रैली पर चीन समर्थक पुलिस ने पेपर स्प्रे का छिड़काव किया।। इतना ही नहीं, आज से ही लागू हुए इस काले कानून के अंतर्गत पहली गिरफ्तारी भी गई। गिरफ्तार किया गया शख्स चीन विरोधी स्लोगन लेकर चल रहा था। जिस पर चीन की पुलिस की तरफ से कार्रवाही की गई है।
हॉन्ग कॉन्ग की सड़कों पर ब्रिटिश शासन समाप्त होने और चीन के कब्जे में आने के 23वीं सालगिरह पर स्थानीय लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं ने विरोध रैली निकाली थी।जिसके बाद चीन समर्थक पुलिस ने न केवल आंदोलनकारी जनता बल्कि वहां मौजूद मीडियाकर्मियों को भी निशाना बनाया। इस दौरान मची भगदड़ की चपेट में आने से कई लोग घायल भी हो गए।
गिरफ्तार किए गए पहले शख्स को चीन के नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत सजा दी जाएगी। इस कानून के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने, विदेशी ताकतों के साथ अलगाव, तोड़फोड़, आतंकवाद के दोषी व्यक्ति को अधिकतम उम्रकैद की सजा सुनाई जा सकती है। इस कानून को चीन की तरफ से कल ही मंजूरी दी गई है।
पेइचिंग हॉन्ग-कॉन्ग की राजनीतिक उठापटक को अपने हाथ में लेने की कोशिश कर रहा है। हॉन्ग-कॉन्ग ब्रिटिश शासन से चीन के हाथ 1997 में ‘एक देश, दो व्यवस्था’ के तहत आया और उसे खुद के भी कुछ अधिकार मिले हैं। इसमें अलग न्यायपालिका और नागरिकों के लिए आजादी के अधिकार शामिल हैं। यह व्यवस्था 2047 तक के लिए है। और इसी लिए हॉगकॉग के लोग आवाज उठा रहे हैं। वो चीन से आजादी चाहते हैं।
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लेकिन चीन हॉगकॉग को अपना हिस्सा मानता है। जिसकी वजह से वो लगातार हॉगकॉग को दबाने की कोशिश कर रहा है।