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हनी ट्रैप मामला:   ‘मेरा प्यार’ और ‘पंछी’ थे गिरोह के प्रमुख कोर्डवर्ड

mp honeytrap case 1569475478 हनी ट्रैप मामला:   ‘मेरा प्यार’ और ‘पंछी’ थे गिरोह के प्रमुख कोर्डवर्ड

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के हनी ट्रैप कांड से एक के बाद एक परतें उघड़ती जा रही हैं और जो तस्वीर उभर रही है, वह और ज्यादा चौंकाने वाली है। पकड़ी गई महिलाओं के पास से एसआईटी (विशेष जांच दल) के हाथ एक डायरी लगी है, जिसमें शिकार बनाए गए लोगों से वसूली गई रकम और बकाया का तो ब्यौरा है ही, साथ ही उपयोग में लाए जाने वाले कोडवर्डों का भी जिक्र है। ‘मेरा प्यार’ और ‘पंछी’ इस गिरोह के प्रमुख कोडवर्ड थे। कई बार कोडवर्ड ‘वीआईपी’ का भी उपयोग किया गया।

सूत्रों के अनुसार, हनी ट्रैप मामले में पकड़ी गई पांच महिलाओं में से एक जो रिवेरा टाउन में रहती है। उसके पास से कई सौ विडियो क्लिप और तस्वीरें तो मिली ही हैं, साथ ही एक डायरी भी सामने आई है। इस डायरी में बीते कई वर्षों का लेखा-जोखा है। डायरी में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से जुड़े कई नेताओं के नाम स्पष्ट तौर पर हैं और उनसे वसूली गई व बकाया रकम का भी जिक्र है।

सूत्रों से कुछ कागजात मिले हैं, जो एक महिला की डायरी के पन्ने बताए जा रहे हैं। एजेंसी का कहना है कि वह डायरी के इन पन्नों की पुष्टि नहीं करती, लेकिन इसमें मध्य प्रदेश में जिम्मेदार पद पर रहे एक नेता का नाम है, जो अब दिल्ली में बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इसके अलावा कई पूर्व मंत्रियों व पूर्व सांसदों के नाम हैं।

डायरी के ये पन्ने बता रहे हैं कि हनी ट्रैप गिरोह कोडवर्ड का इस्तेमाल किया करता था। कोडवर्ड थे- पंछी और मेरा प्यार। इन कोडवर्डों के साथ मुस्कुराते चेहरे और मुहब्बत के तीर वाले दिल का निशान भी बना हुआ है। इसके अलावा किस व्यक्ति से कितनी रकम मिली और कितनी बकाया है, इसका भी सिलसिलेवार ब्यौरा है। इन पन्नों से एक बात और साबित होती है कि एक व्यक्ति को शिकार बनाने में किस-किस की भूमिका रही और वसूली गई रकम में उसकी हिस्सेदारी कितने प्रतिशत की रही।

एसआईटी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ‘पंछी’ कोडवर्ड का इस्तेमाल उस व्यक्ति के लिए किया जाता था, जो आसामी (अमीर शख्स) होता था और जिससे या तो बड़ी रकम ली जा चुकी होती थी या बकाया होती थी। इसके साथ ही गिरोह की सबसे कम उम्र की युवती के द्वारा जाल में फंसाए गए लोगों के लिए ‘मेरा प्यार’ कोडवर्ड को उपयोग में लाया जाता था। इसके अलावा कई बड़े नेताओं को ‘वीआईपी’ कोडवर्ड की श्रेणी में रखा जाता था।

सूत्रों के अनुसार, डायरी में एक एनजीओ का भी जिक्र है। यह डायरी भी उसी महिला के पास से मिली है, जिसका पति एनजीओ चलाता है। डायरी की लिखावट उसी महिला की है या किसी और की, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। हस्तलिपि विशेषज्ञ या फरेंसिक जांच से यह स्पष्ट हो पाएगा। इंदौर पुलिस एटीएस की मदद से नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर पांच महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार कर चुकी है। मामले की जांच कर रही एसआईटी के सूत्रों का कहना है कि पकड़ी गईं महिलाओं के मोबाइल, लैपटॉप और पेन ड्राइव से बड़ी संख्या में विडियो क्लिपिंग मिली हैं। क्लिपिंग की 4,000 से ज्यादा फाइलें हाथ लगी हैं और कुछ तस्वीरें व ऑडियो-क्लिप भी बरामद हुए हैं। गिरोह की महिलाएं अपने जाल में फंसाए गए व्यक्ति की गुप्त तरीके से विडियो-क्लिप बनाती थीं।

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