लखनऊ । अभी कोरोना की दूसरी लहर पूरी तरह समाप्त भी नहीं हुई है और अब तीसरी लहर आने की सम्भावना लोगों को भयभीत कर रही है । चिंताजनक बात यह है कि दुनिया के कई देशों में कोरोना के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है और ऐसा भी पाया गया है वह लोग भी संक्रमण का शिकार हुये हैं जिन लोगों को वैक्सीन लग गई थी। यदि ऐसे लोगों को संक्रमण हो रहा है तो यह डेल्टा या लैम्बडा वैरिएंट्स के कारण हो सकता है। ऐसी स्थिति में ऐसे लोगों को होम्योपैथिक दवाइयों से राहत मिल सकता है।
यह बात केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के पूर्व सदस्य डॉ अनुरूद्व वर्मा ने कही है। उन्होंने कहा कि पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन के उपचार एवं तीसरी लहर के बचाव में होम्योपैथी उपयोगी साबित हो सकती है।उन्होंने कहा कि अभी सबको कोरोनारोधी टीका भी नहीं लग पाया है और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए टीका भी नहीं उपलब्ध हो पाया है ऐसी स्थिति में संक्रमण की संभावना को कम करने के लिए अभियान चला कर आयुष मंत्रालय द्वारा अनुशंसित होम्योपैथिक औषधि आर्सेनिक एल्बम का वितरण किया जाना चाहिये।
उन्होंने कहा कि सभी को अपने मन से बीमारी के डर निकलना कर अपने कार्य पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की लोग कोरोना से बचाव के लिए निर्धारित प्रोटोकाल का पालन करने में कोताही कर रहे हैं, जो संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिये सभी तरीके जैसे मास्क लगाये रखने, बार बार हाथ धोने, सोशल डिस्टेनसिंग बनाये रखने, भीड़ भाड़ में जाने से बचने, बिना जरूरत घर से न निकलने आदि तरीके अपनाने होंगे तभी हम लोग तीसरी लहर से बच सकेंगे।
उन्होंने जनता को इम्युनिटी बढ़ाने में होम्योपैथी की हानिरहित दवाओं को चिकित्सक के मार्गदर्शन में अपनाने की सलाह दी। उन्होंने सरकार से कोविड से सुरक्षा से बचाव के लिए निर्धारित मानकों को सख्ती से लागू कराने की मांग की।