लखनऊ। अगर आपमें प्रतिभा के साथ हालातों से हिम्मत ना मानने का जज्बा है तो आपके सपने एक ना एक दिन जरूर पूरे होंगे। इसके तमाम उदाहरण हमारे सामने हैं। इन्ही उदाहरणों में से एक और उदाहरण है युवा क्रिकेटर कामरान खान। जिन्होंने देश और दुनिया के खिलाडि़यो साथ खेलने का सपना तो बचपन से देखा लेकिन हालात अक्सर विपरित ही रहे। लेकिन, कभी भी अपने सपनों से समझौता नहीं किया।
कभी गांवों में नंगे पांव खेललने वाले कामरान खान का सपना हकीकत में भी बदला और साल 2009 में आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स की टीम से खेलने का सौभाग्य मिला। इस अवसर को कामरान खान ने भुनाया और अपनी प्रतिभा से राजस्थान के तत्कालीन कप्तान शेन वॉर्न का भरोसा जीतने में कामयाब रहे।
लक्ष्मी रतन शुक्ला, सौरव गांगुली, संजय बांगड़ को आउट कर मैच कराया टाई
साल 2008 में आईपीएल के सीजन-1 की बड़ी सफलता के बाद साल 2009 में देश में लोकसभा चुनाव होने थे। जिसके कारण सुरक्षा कारणों की वजह से आईपीएल की मेजबानी दक्षिण अफ्रीका को सौंपी गई थी। दूसरे सीजन में राजस्थान रॉयल्स ने युवा खिलाड़ियों पर ही भरोसा जताया। पहले सीजन में युसूफ पठान भारत के लिए खोज साबित हुए थे। शेन वॉटसन और युसूफ की जोड़ी ने इतिहास रच दिया था।
दूसरे सीजन में शेन वॉर्न ने एक और युवा खिलाड़ी पर भरोसा जताया, जिसका नाम था कामरान खान। कामरान ने इसके पहले रणजी मैच भी नहीं खेला था लेकिन अपनी तेज और लाइन लेंथ गेंदबाजी से वॉर्न का भरोसा जरूर जीत लिया था।
सीजन-2 के 10में मैच में राजस्थान रॉयल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स आमने सामने थे। कोलकाता ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी। राजस्थान ने पहले खेलते हुए निर्धारित 20 ओवर में 150 रन बनाए। जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी कोलकाता की टीम एक समय आराम से लक्ष्य की ओर बढ़ रही थी। लेकिन, नाजुक मौके पर वॉर्न ने गेंद कामरान को थमाई जिन्होंने वॉर्न के भरोसे को सही ठहराते हुए पहले लक्ष्मी रतन शुक्ला को पवेलियन की राह दिखाई। उसके बाद बेहद खतरनाक हो रहे सौरव गांगुली को आउट कर मैच को रोमांचक बना दिया। उसके बाद कामरान ने कोलकाता को एक और झटका देते हुए संजय बांगड़ को भी पवेलियन भेज दिया। अंत में इशांत शर्मा को अपने बेहतरीन थ्रो से रन आउट कराकर मैच को टाई करवा दिया।
सुपर ओवर फेंक इतिहास में हुए दर्ज
नियमों के मुताबिक कोलकाता को सुपर ओवर में पहले बल्लेबाजी मिली। बैटिंग करने उतरे तूफानी बल्लेबाज क्रिस गेल और ब्रेंडन मैकुलम। शेन वॉर्न ने मैच के हीरो कामरान को गेंद सौंपी। पहली गेंद पर गेल ने एक रन लिया। दूसरी गेंद पर मैकुलम ने एक रन लिया। उसके बाद कामरान ने तीसरी गेंद वाइड कर दी। फिर अगली तीन गेंदों पर गेल ने लगातार चौके जड़ दिए। अंतिम गेंद पर कामरान ने क्रिस गेल को कैच आउट करा दिया। राजस्थान को 16 रनों का लक्ष्य मिला। टी-20 के हिसाब से यह बहुत बड़ा स्कोर नहीं था।
राजस्थान के लिए बल्लेबाजी करने उतरे तब प्रचंड फॉर्म में चल रहे युसूफ पठान और मैरेस्कन्हास। कोलकाता की ओर से तब अबूझ पहेली माने जाने वाले अजंता मेंडिस को गेंदबाजी दी गई। सामना करने उतरे पठान ने पहली गेंद पर ही छक्का जड़ दिया। दूसरी गेंद पर डबल, तीसरी गेंद पर फिर छक्का और चौथी गेंद पर चौका मारकर मैच अपने नाम कर लिया।
हालांकि मैन ऑफ द मैच युसूफ को दिया गया लेकिन वॉर्न समेत सभी खिलाड़ियों ने स्वीकार किया कि इस मैच को अंजाम तक लाने वाले कामरान रहे।
शेन वॉर्न ने नाम दिया टोरनैडो
कामरान की प्रतिभा को देखते हुए राजस्थान के तत्कालीन कप्तान शेन वॉर्न ने टोरनैडो नाम दिया था। टोरनैडो एक तूफान का नाम था। तब 140 किमी से ज्यादा की स्पीड से गेंदबाजी करने वाले कामरान पर शेन वॉर्न ने बहुत बड़ा भरोसा जताया था।
वापसी की कोशिशों में जुटे हैं कामरान
कामरान खान ने लगातार चार सीजन खेले। जिसमें राजस्थान के अलावा उन्हें पुणे वॉरियर्स से भी खेलने का मौका मिला। हालांकि वह आईपीएल के दौरान चोटिल हो गए थे। उसके बाद भी उन्होंने आईपीएल में वापसी की लेकिन चोट से जूझते रहे। अब कामरान पूरी तरह फिट हो चुके हैं और टीम इंडिया से खेलने का सपना संजोए लखनऊ में क्रिकेट के मैदान पर पसीना बहा रहे हैं।