प्योंगयांग। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने शुक्रवार को इतिहास रचते हुए सीमा पार करते हुए दक्षिण कोरिया पहुंचे। बता दें कि किम पहले ऐसे नेता है जो सैन्य बॉर्डर पार करके दक्षिण कोरिया पहुंचे हैं। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन से मुलाकात करने आए किम का ये दौरा इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाला है। दोनों के बीच उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों पर बातचीत होगी। वहीं किम वापस अपने देश लौटते समय मून को उत्तर की तरफ लेकर गए और फिर बाद में दोनों दक्षिण की ओर लौट गए।
उत्तर और दक्षिण कोरिया 20वीं सदी के सबसे भयानक युद्ध के गवाह बने हैं, जिसके बाद कोरियाई प्रायद्वीप में बंटवारा हो गया था। इस युद्ध के बाद से ही दोनों देशों में युद्ध की स्थिति बनी हुई थी। यहीं नहीं पिछले साल उत्तर कोरिया द्वारा बार-बार मिसाइल परीक्षण के कारण तीसरे विश्व युद्ध का खतरा भी मंडराने लगा था। वहीं मुलाकात के दौरान किम ने मून से कहा कि मैं उत्तर और दक्षिण कोरिया के रिश्तों,शांति और समृद्धता में एक नया इतिहास लिख रहा हूं।
किम ने ये बात उस समय कही जब वे मून जे इन के साथ बातचीत के लिए बैठे थे। दोनों नेताओं के बीच बंद दरवाजों के बीच मुलाकात शुरू हुई । मून ने जवाब दिया कि लोगों के बीच मुलाकात को लेकर बहुत उम्मीदें हैं कि इस मुलाकात के बाद कोरियाई देश को और दुनिया में शांति पसंद करने वाले हर व्यक्ति को एक बड़ा गिफ्ट मिलेगा। किम जोंग और मून ने सम्मेलन से पहले सैन्य क्षेत्र में मिले थे। दोनों नेताओं ने मुस्कुराहट के साथ एक-दूसरे का स्वागत किया। साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जे ने किम का हाथ पकड़ा हुआ था।
दूसरी तरफ मून ने किम का हाथ पकड़ कर उन्हें साउथ कोरिया की सीमा में स्थित रेड कारपेट पर ले गए। यहां पर स्कूली बच्चों ने किम को फूल देकर उनका स्वागत किया। इसके साथ ही किम जोंग उनका गार्ड ऑफ ऑनर दिया। दोनों नेताओं का पसंदीदा कोरियन फोक सॉन्ग मिलिट्री बैंड ककी तरफ से बजाया जा रहा था। साल 1953 में कोरियन वॉर खत्म होने के बाद यह पहला मौका है जब नॉर्थ कोरिया का कोई नेता साउथ कोरिया पहुंचा है।