नई दिल्ली। उन्नाव में दुष्कर्म पीड़िता के मामले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कई अहम फैसले दिए जिनमें आरोपियों के लिए बड़ी मुसीबत स्पष्ट होने वाली है। चीफ जस्टिस ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि केस को दिल्ली ट्रांसफर करें और त्वरित न्याय करें।
गौरतलब है कि उन्नाव रेप केस के आरोपियों ने मुख्य मुद्दई को जान से मारने की कोशिश की और इस प्रकरण में नित नए मोड़ आ रहे हैं। भाजपा की ओर से कोई बयान न आना इस बात का संकेत हैं कि अब पार्टी खुद को इस मुद्दे में उलझाकर राजनीतिक परिणाम खोना नहीं चाहती।
चीफ जस्टिस ने सुनवाई करते हुए कहा कि उन्नाव रेप केस का ट्रायल 45 दिन में पूर्ण कर इससे सम्बंधित सभी केसेज दिल्ली ट्रांसफर किया जाए। केस से जुड़े सभी केस एक ही जज सुनेगा और उसपर आदेश देगा। यही नहीं एक हफ्ते के अंदर ट्रक हादसे की जांच पूरा करने के भी आदेश दिए हैं।
पीड़ित परिवार को सीआरपीएफ सुरक्षा देने का आदेश दिया गया है। चीफ जस्टिस ने अपने आदेश में कहा कि हम पीड़िता, उसके वकील, पीड़िता की मां, उसके चारों भाई, उसके चाचा और उन्नाव में परिवार के सदस्यों को फौरन सुरक्षा का आदेश दिया।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने उन्नाव रेप केस में सुनवाई करते हुए कहा कि पीड़िता के अंतरिम मुआवजा पर भी विचार किया गया है। इसके तहत, यूपी सरकार को यह आदेश दिया गया है कि पीड़िता को 25 लाख रुपये भरपाई के तौर पर दे।
इसके साथ ही, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कोर्ट के अंदर सीबीआई ऑफिसर को मौजूद करने के लिए उन्नाव से विमान के जरिए पेश कराने को कहा। चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवाई करते आगे कहा कि उन्होंने आरोपियों का पक्ष नहीं सुना है। अगर वे चाहें तो सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं।