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राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह के कुछ ऐतिहासिक लम्हे

President 16 राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह के कुछ ऐतिहासिक लम्हे

देश को अपना नया राष्ट्रपति मिल गया है। 14 राष्ट्रपति के तौर पर मंगलवार को रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है। इस ऐतिहासिक लम्हे का साक्षी बनने के लिए संसद भवन के सेंट्रल हॉल में देश के कई बड़े दिग्गज नेता पहुंचे। यहां प्रतिद्विंदी विपक्ष की मीरा कुमार के साथ साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा उनके साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी दिखाई दी। यहां पर देश के अलग अलग राज्यों से आए मुख्यमंत्री के साथ साथ राज्यपाल दिखाई दिए। सभी दिग्गजों ने राष्ट्रपति शपथ समारोह में अपनी भागिदारी दी।

President 16 राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह के कुछ ऐतिहासिक लम्हे

देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर एनडीए की तरफ से रामनाथ कोविंद सामने आए तो चारों तरफ उनका स्वागत तालियों के साथ हुआ। इस दौरान चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कोविंद को शपथ दिलाई। राष्ट्रपति शपथ ग्रहण करने के बाद उन्होंने प्रणब मुखर्जी के साथ कुर्सियां बदली। राष्ट्रपति पद की शपत लेने के बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी भी दी गई है। शपथ ग्रहण के मौके पर इसके साक्षी कई बड़ी हस्तियां बनी हैं। पीएम मोदी के साथ साथ यहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई बड़ी राजनीतिक हस्तियां मौजूद थी। राष्ट्रपति पद की शपथ लेते वक्त उनके साथ मंच पर उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, स्पीकर सुमित्रा महाजन, प्रणब मुखर्जी के साथ खेहर मौजूद थे। सभी राजनैतिक हस्तियां मंच के सामने एक कतार में थीं।

वही प्रणव मुखर्जी कोविंद को काली लिमो कार में लेकर संसद भवन में पहुंचे थे। जिसके बाद राष्ट्रपति कोविंद पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के साथ उसी गाड़ी में वापस राष्ट्रपति भवन में चले गए। यहां राष्ट्रपति कोविंद को सलामी भी दी गई है। राष्ट्रपति का इतने भव्य तरह से स्वागत समारोह देखने में अद्भुत लग रहा था। राष्ट्रपति कोविंद को कार्यभार सौंपने के बाद प्रणव मुखर्जी 340 कमरों वाले राष्ट्रपति भवन से हटकर 10 राजाजी मार्ग स्थित बंगले में चले गए। इस सब के बीच एक खास बात यह भी थी कि राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के सभी जस्टिस शामिल हुए। इस सब पर चार राष्ट्रपतियों के नामांकन दाखिल करने में सहयोग कर चुके अधिवक्ता ने कहा है कि यह सब कुछ पहली बार हुआ है इससे पहले ऐसा नहीं हुआ है। उनका कहना है कि पहली बार ऐसा नजारा देखने को मिला है कि राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समरोह में पहली बार सभी जस्टिस शामिल हुए हैं।

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