हिमाचल के सीएम जय राम ठाकुर ने शुक्रवार को शिमला शहर के ग्रिड से जुड़े पहले 35 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र का शुभारम्भ किया। यह सयंत्र 19.23 लाख रुपये की लागत से पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्यागिकी विभाग के भवन की छत पर स्थापित किया गया है। इससे अगले 25 वर्षों में करीब 97 लाख रुपये की बचत होगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा पर्यावरण मित्र होने के साथ-साथ कम लागत पर उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह के ऊर्जा संयंत्रों को न केवल सरकारी प्रतिष्ठानों में बल्कि निजी आवासों में भी स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने कहा कि अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी के तहत् कार्यालय परिसरों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने से न केवल ऊर्जा बचत होगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि यह संयंत्र चार-पांच वर्षों के भीतर इसकी स्थापना और इस पर किए गए दूसरे व्ययों की पूर्ति कर लेगा, तदोपरान्त राज्य को राजस्व की भी बचत होगी। उन्होंने कहा कि यदि सभी सौर ऊर्जा आधारित प्रौद्यागिकी को अपनाते हैं तो ऊर्जा की बचत में योगदान के साथ-साथ पूरी दुनियां की ऊर्जा की मांग को पूरा करने में भी योगदान दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री को बताया गया कि इस सौर ऊर्जा संयंत्र से मुख्य ग्रिड को फीड किया जाएगा जिससे बिजली की खपत भी कम हो जाएगी। यह संयंत्र 19.23 लाख रुपये की लागत से स्थापित किया गया है और अनुमान के मुताबिक अगले 25 वर्षों में इससे 97 लाख रुपये की बचत करने में मदद मिलेगी।