हिमाचल प्रदेश के कुल्लू से काफी तादात में ग्रामीणों ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के लिए हरिद्वार पहुंचे थे। आपको बता दें कि कुल्लू के प्रीणी में अटल बिहारी वाजपेयी ने अपना घर बनाया था।
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गौरतलब है कि अटल थकान के समय अधिकांश वहां जाते थे।अटल वहां पहुंचकर ग्रामीणों से संवाद किया करते थे। रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री की अस्थियां विसर्जन में शामिल होने के लिए कुल्लू प्रीणी से 60 साल के वीरेंद्र,70 साल के वीरभद्र के साथ वहां के लोग काफी संख्या में हरिद्वार गए थे।
सभी ने पूर्व प्रधानमंत्री की अस्थि कलश यात्रा को श्रद्धांजलि दी। लेकिन वीरेंद्र,वीरभद्र की आंखों में अटल जी के अंतिम दर्शन न कर पाने का दुख स्पष्ट दिखाई दे रहा था। जानकारी के मुताबिक उनकी आंखों में आंसू निकल रहे थे।
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मालूम हो कि शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे वीरभद्र व वीरेंद्र को अटल जी के अंतिम दर्शन नहीं हो पाए थे। जैसे ही उनको पता लगा कि हरिद्वार में अटल जी की अस्थियां प्रवाहित की जा रही हैं तो वे शनिवार की रात हरिद्वार पहुंच गए।
दोनों रविवार सुबह से हरकी पैड़ी पर वे अस्थि कलश का इंतजार में थे। अपर रोड से कलश यात्रा को श्रद्धांजलि दी और हरकी पौड़ी मालवीय घाट से उन्होंने अस्थियां विसर्जित होती हुई देखीं।वीरेंद्र बताते हैं कि अटल जी जब भी कुल्लू आया करते थे तो वे अक्सर ग्रामीणों के साथ संवाद स्थापित किया करते थे। आपको बता दें कि उन्होंने अपने कैमरे में अटल जी के अस्थि विसर्जन की यादों को कैद कर अपने साथ रखा।