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हिमाचलः मुख्यमंत्री ने प्रदेश के निर्माता की 112वीं जयंती पर विधानसभा में पुष्पाजंलि अर्पित की

श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए जयराम ठाकुर हिमाचलः मुख्यमंत्री ने प्रदेश के निर्माता की 112वीं जयंती पर विधानसभा में पुष्पाजंलि अर्पित की

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 4 अगस्त को हिमाचल प्रदेश के निर्माता और

प्रथम मुख्यमंत्री डॉ.यशवन्त सिंह परमार की 112वीं जयंती के मौके पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पुष्पाजंलि अर्पित की।

बता दें कि कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश संसदीय समूह ने आयोजित किया था।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ.परमार एक दूर-दृष्टा नेता थे।

 

श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए जयराम ठाकुर हिमाचलः मुख्यमंत्री ने प्रदेश के निर्माता की 112वीं जयंती पर विधानसभा में पुष्पाजंलि अर्पित की
श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए जयराम ठाकुर

 

मुख्यमंत्री   ने कहा  कि डॉ. परमार न केवल प्रदेश को स्वतंत्र दर्जा प्रदान करने के लिए संघर्ष किया।

बल्कि उन्होंने प्रदेश के सुदृढ़ विकास की नीव भी रखी।

उन्होंने कहा कि डॉ. परमार का प्रदेश के किसानों के

कल्याण तथा समाज के कमज़ोर वर्गों के प्रति हमेशा संवेदनशील दृष्टिकोण रखते थे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमेशा ही इनके समग्र विकास को प्राथमिकता दी

उन्होंने कहा कि इन्हीं के नेतृत्व में प्रदेश को अलग पहचान बनाने में सफलता मिली और

हिमाचल प्रदेश भारतीय गणराज्य के 18वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया।

ठाकुर ने कहा कि डॉ.वाई.एस. परमार की जयंती को व्यापक स्तर पर मनाया जाएगा।

ताकि इसके आयोजन में अधिक से अधिक लोग शामिल हो सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ.वाई.एस.परमार के हृदय में हिमाचल प्रदेश की समृद्ध संस्कृति कूट-कूट कर भरी हुई थी

और उनके जीवन व कार्य से प्रत्येक को सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

उन्होंने कहा कि हमे अलोचना को सकारात्मक रूप में लेना चाहिए।

क्योंकि यह लोकतंत्र की पहचान है। उन्होंने कहा कि इस महान दूरदृष्टा नेता को यही सच्ची श्रद्धाजंलि होगी कि

हम प्रदेश के विकास व कल्याण के लिए एक जुट होकर कार्य करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ.परमार ने प्रदेश में सड़कों के निर्माण पर सर्वोच्च प्राथमिकता दी क्योंकि वह मानते थे

कि सड़के ही पहाड़ी राज्य के विकास की भाग्य रेखाएं हैं। उन्होंने कहा कि वे हमेशा ही समाज के गरीब वर्गों के कल्याण के प्रति प्रयत्नशील रहते थे।

मुख्यमंत्री ने अपने इसी व्यक्तित्व के कारण डॉ.परमार ने प्रदेश के लाखों लोगों के हृदय में अमिट छाप डाली है।

उन्होंने कहा कि विचारों में भिन्नता हो सकती है परन्तु इसमें किसी प्रकार का दुर्भाव नहीं होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें डॉ.परमार के जीवन व कार्य से प्रेरणा लेनी चाहिए।

महेश कुमार यदुवंशी

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