पांच दिन के सफर के बाद दुनिया का सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान भारत पहुंच गया है। हरियाण के अंबाला में राफेल का जोरदार स्वागत किया गया। राफेल का लोग सुबह से ही इंतजार कर रहे थे। राफेल की पहली झलक देखते ही लोगों के मुंह से भारत माता के जयकारे निकले। इसके साथ ही काफी लोग तिरंग के साथ भी नजर आये। लेकिन इस बीच सभी के बीच एक नाम की बहुत चर्चा हो रही है और वो नाम है हिलाल अहमद राथर की। हिलाल अहमद राथर कश्मीर के रहने वाले हैं और उनकी राफेल को लाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वायु सेना में इन्हें ‘हैली सर’ के नाम से जाना जाता है।
एयर कमाडोर हिलाल अहमद राथेर पेरिस स्थित भारतीय दूतावास में एयर-अटै्से के तौर पर तैनात हैं। वायुसेना में मिराज2000 के फाइटर पायलट राथेर, राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे से लेकर उनकी फाइनल डिलवरी में अहम भूमिका निभा चुके हैं। मूलत दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के रहने वाले राथेर ही वो शख्स हैं जिन्होनें कोरोना काल के दौरान भी फ्रांसीसी सरकार और राफेल बनाने वाली कंपनी, दसॉ को फाइटर जेट्स की डिलीवरी समय पर करने के लिए जोर दिया। राथेर सबसे पहले चर्चा में पिछले साल दशहरा यानि 8 अक्टूबर 2019 को फ्रांस के मैरिग्नैक में उस वक्त आए थे।
सोमवार को जब फ्रांस में भारतीय राजदूत, जावेद अशरफ मैरिग्नैक फैसेलिटी पहुंचे थे पांचों राफेल विमानों को भारत के लिए रवाना करने के लिए, तो तब भी राथेर उनके साथ थे. जावेद अशरफ जब एक निर्माणधीन राफेल की कॉकपिट में बैठे, तो राथेर उन्हें इस फाइटर जेट की खूबियों से लेकर ताकत तक गिनवाते दिखें।
अनंतनाग के रहने वाले राथेर के पिता जम्मू कश्मीर पुलिस में डीएसपी थे और उन्होनें जम्मू के करीब नगरोटा के सैनिक स्कूल से पढ़ाई की थी. वर्ष 1988 में वायुसेना में राथेर एक फाइटर पायलट के तौर पर शामि हुए थे. वे उन चंद भारतीय पायलट्स में से थे जिन्होनें सबसे पहले राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी. वे मिग 21 और मिराज फाइटर जेटंस उड़ा चुका है।
कश्मीर में यह सूचना पहुंचते ही लोग जश्न मनाने लगे। साथ भी हिलाल पर गर्व करने की बात कहने लगे। हिलाल अहमद रथर ही फाइटर प्लेन को फ्रांस से लाने वाले कैप्टन का नेतृत्व कर रहे हैं। अहमद रथर को वायुसेना के फाइटर प्लेन को उड़ाने का 3000 घंटे से भी अधिक समय का अनुभव है।
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राफेल को भारत लाने में अहमद रथर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जिसकी वजह आज हर जगह अहमद रथर की चर्चा हो रही है। और जश्न मनाया जा रहा रहा है।