प्रयागराज। कोरोना महामारी की वजह से तबलीगी जमात पर रोक लगा दी थी। हालांकि जब कोरोना संक्रमण देश में फैलना शुरू हुआ उस समय दिल्ली में तबलीगी जमात चल रही थी। जिसके चलते मऊ के एक 15 वर्षीय किशोर पर पुलिस कई धाराएं लगाकर चार्जसीट दाखिल की थी। मऊ के 15 वर्षीय किशोर ने पुलिस द्वारा फाइल की गई चार्जशीट को कोर्ट में चैलेंज किया था। किशोर नई दिल्ली में तबलीगी जमात की बैठक में शामिल हुआ था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तबलीगी जमात के एक किशोर सदस्य के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने के मामले में यूपी पुलिस को तलब किया है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह “कानून की शक्ति का दुरुपयोग” को दर्शाता है. बता दें कि किशोर ने पुलिस द्वारा फाइल की गई चार्जशीट को कोर्ट में चैलेंज किया था। किशोर नई दिल्ली में तबलीगी जमात की बैठक में शामिल हुआ था।
कोर्ट ने चार्जशीट में संशोधन करने को कहा-
बता दें कि न्यायमूर्ति अजय भनोट ने इस मामले पर विचार करने के लिए मऊ एसएसपी और मऊ के सीओ को मामले में जवाबदेह बनाने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति ने सीओ से सवाल किया, “आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) कैसे दर्ज की किया गया?” इसके साथ ही कोर्ट ने सीओ को चार्जशीट में संशोधन करने को भी कहा। 15 वर्षीय याचिकाकर्ता के वकील जावेद हबीब ने कहा कि पुलिस ने अपनी चार्जशीट में आईपीसी की धारा 269 (खतरनाक बीमारी के संक्रमण को फैलाने को लेकर लापरवाही बरतने की संभावना) और 270 (जीवन को खतरे में डालने वाली बीमारी फैलाना) का आरोप लगाया था। वकील ने कहा कि पुलिस ने प्रारंभिक चार्जशीट को वापस लेकर आईपीसी की धारा 307 के तहत एक नई चार्जशीट पेश की। हाईकोर्ट ने 2 दिसंबर को पारित एक आदेश में आवेदक के खिलाफ अगले आदेश तक आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी। अब मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।