नई दिल्ली। दिल्ली में हड़ताली ओला उबर ड्राइवरों के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने हड़ताली ड्राइवरों को निर्देश दिया है कि मारपीट की घटनाएं आगे से नहीं होनी चाहिए। जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ ने कहा कि अगर कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों का पालन नहीं हो रहा तो आप इसको तोड़ सकते हैं लेकिन आप बाकियों को नहीं रोक सकते । कोर्ट ने हड़ताली ड्राइवरों से कहा कि किसने आपको रोका है कि आप इनके साथ ही गाड़ी चलाएं? आपको कहीं और मिलता है तो आप वहां जा सकते हैं।
सुनवाई के दौरान ओला उबर और ड्राइवर्स के संगठनों के वकीलों के बीच काफी तीखी बहस हुई । ओला उबर के लिए वकील राजीव नय्यर और डायन कृष्णन ने कहा कि कोर्ट के अंतरिम आदेश के बावजूद जो घटनाएं घटी हैं वो बेहद शर्मनाक हैं । तब कोर्ट ने उनसे कहा कि वे उल्लंघनकर्ताओं के साथ कांट्रैक्ट खत्म कर दें तो ओला उबर की तरफ से कहा गया कि वे दूसरे ड्राइवरों को भी काम करने से रोक रहे हैं । ईमानदार व्यक्ति रोड पर नहीं है । इसका कड़ा प्रतिवाद एक ड्राइवर संगठन राजधानी टूरिस्ट ड्राइवर्स यूनियन के वकील अभिषेक सिंह ने किया । उन्होंने कहा कि हमने ऐसा कुछ नहीं किया, ये सब कुछ सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन ने किया है।
इसके बाद कोर्ट ने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर को निर्देश दिया कि जो ड्राइवर अपनी सेवाएं कंपनियों को देना चाहते हें उन्हें किसी भी तरीके से बाधित होने से रोका जाए और उनकी गाड़ियों को नुकसान नहीं पहुंचाया जाए । साथ ही कोर्ट ने ओला और उबर को कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ याचिका दायर करने की छूट दी है।