प्रयागराज। आए दिन देश के अलग-अलग हिस्सों से लव जिहाद की घटनाएं सुनने को मिल रही थी। जिसके चलते उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लव जिहाद पर कड़ा कानून बनाने का फैसला किया था। जिसके बाद योगी आदित्यनाथ ने अपने फैसला को पूरा किया और लव जिहाद का कानून पास हो गया। जिसके दोषी व्यक्ति को 10 साल की कैद का प्रावधान है। जिसके चलते इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में चार अलग-अलग याचिकाएं दर्ज की गई थीं। जिस पर चीफ जस्टिस की अगुवाई में सुनवाई हुई। जिसके चलते लव जिहाद अध्यादेश पर यूपी की योगी सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिली है। हाईकोर्ट ने इस अध्यादेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने योगी सरकार से 4 जनवरी तक विस्तृत जवाब मांगा है। इसके बाद याचिकाकर्ताओं को 6 तारीक को हलफनामा दाखिल करना होगा। मामले में अंतिम सुनवाई 7 जनवरी को होगी।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अध्यादेश को दी थी मंजूरी-
बता दें कि लव जिहाद अध्यादेश के खिलाफ चार अलग-अलग अर्जियां दायर की गई थी। इन अर्जियों में सरकार पर राजनीतिक फायदा लेने का आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ताओं ने ये भी मांग की थी कि अब तक लव जिहाद कानून के तहत जितने भी केस दर्ज हुए हैं, उनमें आरोपियों को गिरफ्तार ना किया जाए। हालांकि कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की इस मांग को भी खारिज कर दिया। वहीं, सरकार ने सुनवाई के दौरान अपना पक्ष भी रखा। सरकार ने बताया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अध्यादेश जरूरी हो गया है। सरकार की तरफ से कहा गया, “यूपी में धर्मांतरण के बढ़ते मामलों के बाद कानून-व्यवस्था बिगड़ रही थी। इसीलिए ये अद्यादेश लाया गया। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाया गया है। प्रदेश सरकार ने 24 नवंबर को विवाह की खातिर जबरन या झूठ बोलने के धर्म परिवर्तन के मामलों से निबटने के लिये यह अध्यादेश मंजूर किया था जिसके अंतर्गत दोषी व्यक्ति को 10 साल तक की कैद हो सकती है। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 28 नवंबर को इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी।