बॉलीवुड। फिल्म इंडस्ट्री में अगर तेज तर्रार अभिनेत्री का जिक्र आता है तो सबसे पहले कंगना रनौत का नाम सामने आता है। क्योंकि कंगना राजनीति, धर्म और फिल्म इंडस्ट्री के मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया खुलकर देती हैं। जिसके चलते वे आए दिन सोशल मीडिया पर चर्चाओं में बनी रहती है। इतना ही नहीं इन मुद्दों के चलते उन पर कई बार पुलिस की तरफ से एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है। ऐसा ही कुछ दिनों पूर्व बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल के खिलाफ मुंबई पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने के जो आरोप लगाए थे। जिसके चलते बीते कल यानि मंगलवार को सुनवाई हुई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकारी वकील और मुंबई पुलिस को आईपीसी की धारा 124-ए का केस दर्ज को लेकर फटकार लगाई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने दोनों बहनों के खिलाफ गिरफ्तारी समेत किसी भी तरह के बलपूर्वक कार्रवाई पर अंतरिम सुरक्षा का अनुदान दिया है। हाईकोर्ट ने दोनों को बहनों की गिरफ्तारी समेत किसी भी तरह के बलपूर्वक एक्शन से अंतरिम सुरक्षा दी है।
इस दिन पुलिस के सामने दर्ज होंगे कंगना के बयान-
बता दें कि छले महीने बॉलीवुड के कास्टिंग डायरेक्टर और फिटनेस ट्रेनर मुन्नवर अली सय्यद मजिस्ट्रेट कोर्ट में दोनों बहनों के खिलाफ सोशल मीडिया और टीवी चैनल पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई थी। जिसके चलते बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एसएस शिंदे और एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने कंगना रनौत और उनकी बहन की याचिक पर सुनवाई की। याचिका में मजिस्ट्रेट कोर्ट के उस ऑर्डर पर था जिसमें दोनों बहनों के खिलाफ मामला दर्ज करने और जांच करने के आदेश दिए गए थे। हाईकोर्ट ने कंगना और रंगोली के वकील रिजवान सिद्दीकी के बयान को रिकॉर्ड और स्वीकार किया। रिजवान ने कोर्ट में कहा कि दोनों 8 से 12 जनवरी के बीच दोपहर 2 बजे बांद्रा पुलिस के सामने पेश हो जाएंगी और अपना बयान दर्ज करेंगी।
मुंबई पुलिस और सरकारी वकील को फटकार-
कंगना और रंगोली के वकील ने कोर्ट में कहा कि मुंबई पुलिस गिरफ्तारी समेत किसी भी तरह के बलपूर्वक एक्शन का इस्तेमाल नहीं करेगी। बेंच दोनों पक्षों की बात सुनने के बात कहा कि आईपीसी 124-ए(देशद्रोह) हर शिकायत में आम बात हो गई है। हम अपने देश के नागरिकों को इस तरह से ट्रीट कर रहे हैं? कोर्ट ने कहा कि बाकी सभी धाराओं का तो ठीक है, लेकिन 124-ए दोनों बहनों के खिलाफ किस लिए लगाई गई? सिर्फ वह सरकार की लाइन में नहीं खड़ा है। इसे लेकर पीठ ने मुंबई पुलिस और सरकारी वकील को फटकार लगाई।