लखनऊ: इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बिकरू कांड की जांच के लिए गठित एसआइटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई के लिए दायर जनहित याचिका का खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता ने एसआइटी की रिपोर्ट और गैंगस्टर जय वाजपेयी मामले में विधिसम्मय कार्यवाही किए जाने के लिए जनहित याचिका दायर की थी।
यह आदेश चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की बेंच ने जनहित याचिका दायर करने वाले सौरभ भदौरिया की अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर और राज्य सरकार के अधिवक्ता को सुनने के बाद दिया।
जय वाजपेयी पर कई मुकदमें दर्ज
एक्टिविस्ट व अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि, गैंगस्टर एक्ट में बंद जय वाजपेयी कुचर्चित बिकरू कांड के प्रमुख अभियुक्तों में एक है। उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश सचिवालय में फर्जी एंट्री पास बनवाये जाने, फर्जी पासपोर्ट बनवाए जाने और फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनाए जाने संबंधित मुकदमें भी दर्ज हैं।
नूतन ठाकुर ने कहा कि, जय वाजपेयी के खिलाफ पहले से ही विभिन्न धाराओं में कई थानों में मुकदमे दर्ज थे। पूर्व में भी उनके और उनकी सहायता करने वाले तमाम पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कई जांच रिपोर्ट में कई संस्तुति की गयी थीं, लेकिन इन पर आज तक सही कार्यवाही नहीं हुई है।
अदालत ने लगाया 25 हजार का जुर्माना
वहीं, अदालत ने याचिका को पीआइएल मानने से इनकार कर दिया और कहा कि यह याचिका व्यक्तिगत हित में दायर किया गया है। अंत: कोर्ट ने याचिका को ख़ारिज करते हुए याची पर 25000 रुपए का जुर्माना लगाए जाने का आदेश दिया।