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यूपी पंचायत चुनाव 2021: आरक्षण सूची और चुनाव तारीख पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

यूपी पंचायत चुनाव 2021: आरक्षण सूची और चुनाव तारीख पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर उच्‍च न्‍यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने पंचायत चुनाव में वर्ष 2015 के आधार पर आरक्षण प्रणाली लागू कर चुनाव कराने का निर्देश दिया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सरकार ने आरक्षण सूची में खामी को लेकर अपनी गलती स्‍वीकारी है। इस पर उच्‍च न्‍यायालय ने राज्‍य सरकार और चुनाव आयोग को यूपी पंचायत चुनाव में वर्ष 2015 के आधार पर आरक्षण प्रणाली को लागू कर चुनाव कराने का निर्देश दिया है।

सरकार ने माना- आरक्षण प्रक्रिया लागू करने में हुई गलती  

इससे पहले कोर्ट में राज्य सरकार ने स्वयं कहा कि, वह वर्ष 2015 को आधार मानकर पंचायत चुनाव में रिजर्वेशन (आरक्षण) की व्यवस्था लागू करने के लिए तत्पर है। सरकार की ओर से अदालत में एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह ने माना कि सरकार से आरक्षण प्रक्रिया लागू करने में गलती हुई।

25 मई तक पंचायत चुनाव कराने के आदेश

इस तथ्य के सामने आने के बाद हाईकोर्ट ने यूपी में त्रिस्‍तरीय पंचायत चुनाव 25 मई तक पूरा करने के आदेश दिए हैं। साथ ही अदालत ने 27 मार्च तक संशोधित आरक्षण सूची जारी करने के भी निर्देश दिए हैं। इससे पूर्व राज्‍य सरकार 17 मार्च को ही आरक्षण की संशोधित सूचित जारी करने की तैयारी में थी।

इससे पूर्व इलाहाबाद की एक डिवीजन बेंच ने 15 मई तक पंचायत चुनाव पूरा करने के निर्देश दिए थे। यह निर्देश न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी व न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने अजय कुमार की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर पारित किया था, जिसमें 1995 को 20 वर्ष मानकर आरक्षण तय करने को चुनौती दी गई थी।

हाईकोर्ट ने राज्‍य सरकार व चुनाव आयोग से मांगा था जवाब

हाईकोर्ट में दायर अजय कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने रिजर्वेशन की अंतिम सूची जारी करने पर रोक लगा दी थी और आरक्षण प्रक्रिया पर राज्‍य सरकार और चुनाव आयोग से जवाब मांगा था।

पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर उच्‍च न्‍यायालय में दायर की गई याचिका में 11 फरवरी, 2021 के उत्‍तर प्रदेश शासनादेश को चुनौती दी गई। इसमें कहा गया कि, पंचायत चुनाव में आरक्षण लागू किए जाने संबंधी नियमावली के नियम 4 के तहत जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत व ग्राम पंचायत की सीटों पर आरक्षण लागू किया जाता है। आरक्षण लागू करने की प्रक्रिया के संबंध में वर्ष 1995 को मूल वर्ष मानते हुए 1995, 2000, 2005 व 2010 के चुनाव हुए थे, लेकिन 16 सितंबर, 2015 को एक शासनादेश जारी करते हुए वर्ष 1995 की जगह वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए रिजर्वेशन (आरक्षण) लागू किए जाने की प्रक्रिया अपनाई गई थी।

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