लखनऊः उत्तर प्रदेश की नई जनसंख्या नीति 2021-2030 का विमोचन आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। इस दौरान सीएम गर्भनिरोधक उपायों की सुलभता बढ़ाने और सुरक्षित गर्भपात के लिए उचित प्रणाली प्रदान करने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
इतना ही नहीं, आज सीएम जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े की गतिविधियों की विधिवत शुरुआत करेंगे। नई जनसंख्या नीति का एक और विशेष फोकस नवजात शिशुओं और मातृ मृत्यु दरों को कम करना है।
ये है मसौदा
- परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता बढ़ाई जायेगी।
- सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था होगी।
- नवजात व मातृ मृत्यु दरों को कम करने का प्रयास होगा।
- नपुंसकता अथवा बांझपन की समस्याओं को दूर करने के उचित उपाय
- नवीन नीति में एक अहम प्रस्ताव 11 से 19 वर्ष के किशोरों के पोषण
- शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन
- बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था करना
सीएम योगी ने कहा कि अधिक आबादी के लिए गरीबी और अशिक्षा बड़ा कारक है। प्रदेश की पिछली जनसंख्या नीति 2000-16 की समय सीमा समाप्त हो चुकी है।
मानकों पर होंगे लक्ष्य निर्धारित
सीएम योगी ने कहा जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए जागरुकता और बेहतर स्वास्थ्य सुविधों के सभी जरुरी प्रयास किए जायेंगे। जागरुकता प्रयासों के क्रम में सीएम योगी ने स्कूलों में हेल्थ क्लब बनाए जाने के निर्देश भी दिए हैं। इतना ही नहीं, डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत नवजातों, किशोरों और वृद्धजनों की डिजिटल ट्रैकिंग की व्यवस्था भी होगी।
मिलेगा ये फायदा
जनसंख्या नियंत्रम मानदंड़ों का पालन करने वाले कर्मचारियों को प्रमोशन, वेतन वृद्धि, आवास योजनाओं में रियायतें और अन्य भत्ते उपलब्ध करवाया जायेगा। जिनके दो या उनसे कम बच्चे हैं उन सरकारी कर्मचारियों को पूरी सेवा के दौरान दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि, पूरे वेतन और भत्तों के साथ 12 महीने का मातृत्व या पितृत्व अवकाश और राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत नियोक्ता अंशदान कोष में तीन प्रतिशत की वृद्धि की जायेगी।
20 साल तक फ्री स्वास्थ्य सुविधाएं
गैर सरकारी कर्मचारी, जो जनसंख्या को नियंत्रित करने में योगदान और नीति के मानदंड़ों का पालन करते हैं, उन्हों पानी, आवास, गृह ऋणों आदि करों में छूट मिलेंगे। अगर किसी बच्चे के माता-पिता या कोई एक नसबंदी का विकल्प चुनता है तो उसे 20 साल की उम्र तक फ्री चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी।