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…तो अब हेमवतीनंदन बहुगुणा परिवार हुआ भाजपाई !

amit rahul rita ...तो अब हेमवतीनंदन बहुगुणा परिवार हुआ भाजपाई !

दिल्ली। आखिर कांग्रेस को छोड़ बहुगुणा परिवार ने थामा भाजपा का दामन। प्रदेश ही नहीं देश की राजनीति में रीता के भाजपा में शामिल होने के बाद राजनीतिक गलियारों में खासा ही गर्मी का माहौल बन गया है।

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क्योंकि रीता बहुगुणा जोशी का भाजपा में ठीक विधान सभा के चुनावी समर के आगाज़ के पहले जाना कांग्रेस के लिए बड़ा आघात है। क्योंकि रीता का नाम कांग्रेस के एक बड़े खानादान से जुड़ा है और ये नाम किसी और का नहीं बल्कि रीता बहुगुणा जोशी के पिता हेमवतीनंदन बहुगुणा का है।

हेमवतीनंदन बहुगुणा की राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं रीता

रीता की पहचान केवल हेमवतीनंदन बहुगुणा से ही नहीं पूर्व में उत्तराखंड के कांग्रेस के मुख्यमंत्री रहे विजय बहुगुणा की बहन के रूप में भी है। जो हाल में उत्तराखंड की राजनीतिक उठा-पटक में अहम किरदार निभाते हुए कांग्रेस से बागी बन भाजपा के नुमाइंदगी करने लगे। कुछ दिन पहले ही रीता के भाजपा में जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं।

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जो आज शीशे की तरह साफ हो गईं कांग्रेस से विदा ले रीता ने हाथ का साथ छोड़ हाथ में कमल उठा, अपने परिवार में एक नई परिपाटी को खड़ा कर दिया । जो परिवार हमेशा से कांग्रेसी होने की उपाधि पाता रहा था । उस परिवार का पहले पुत्र फिर पुत्री दोनों ने कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा के भगवा रंग से अपना रंग बदल लिया।

एक नजर रीता के राजनीतिक सफर पर

यूपी की राजनीति में 67-वर्षीय रीता बहुगुणा जोशी का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं रहा है।कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी राज्य के दिवंगत दिग्गज राजनेता हेमवतीनंदन बहुगुणा की पुत्री हैं, और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके विजय बहुगुणा की बहन हैं. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में मध्यकालीन तथा आधुनिक इतिहास की प्रोफेसर रहीं रीता वर्ष 1995 से 2000 तक इलाहाबाद की महापौर (मेयर) भी रही हैं।इतिहास में स्नातकोत्तर तथा पीएचडी की उपाधियां अर्जित करने वाली रीता वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में यूपी के लखनऊ कैंट विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर जीतीं । वह कांग्रेस की दिग्गज नेताओं में शुमार की जाती रही हैं. वर्ष 2007 से 2012 तक पार्टी की प्रदेश इकाई की अध्यक्ष भी रहीं।

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इसके अलावा रीता वर्ष 2003 से अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी रही हैं।ब्राह्मणों में अच्छी पकड़ रखने वाली रीता बहुगुणा जोशी राष्ट्रीय महिला परिषद की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं, और उन्हें संयुक्त राष्ट्र की ओर से ‘दक्षिण एशिया की सर्वाधिक प्रतिष्ठित महिलाओं’ में शुमार भी किया गया था।वैसे, 22 जुलाई, 1949 को उत्तराखंड में जन्मीं रीता बहुगुणा जोशी भी अन्य राजनेताओं की तरह ‘गिरफ्तारियों’ से दूर नहीं रही हैं।वह वर्ष 2011 में भट्टा पारसौल से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की गिरफ्तारी के समय उन्हीं के साथ गिरफ्तार की गई थीं।उसके अलावा एक बार उन्हें वर्ष 2009 में भी गिरफ्तार किया गया था, जब उन पर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगा था।

भाई ने पहले ही नाता तोड़ा

दिवंगत दिग्गज राजनेता हेमवतीनंदन बहुगुणा के पूरे कुंनबे ने बर्षों पुराना कांग्रेस से रिश्ता और नाता तोड़ लिया है। इसकी शुरूआत रीता बहुगुणा के भाई और भतीजे ने इसी साल की शुरूआत में की थी साल के अंत आते -आते रीता भी इस विखराव का हिस्सा बन गईं। साल के शुरूआत में उत्तराखंड के सियासत में मचे घमासान में एक बड़ा किरदार निभाते हुए रीता बहुगुणा जोशी के भाई विजय बहुगुणा और भतीजे साकेत बहुगुणा ने कांग्रेस से बगावत कर भाजपा के खेमे में अपनी नई राजनीतिक पारी की शुरूआत कर दी।

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लेकिन रीता कांग्रेस के साथ ही बनी रहीं। राहुल की खाट पंचायत रही हो या 27 साल यूपी बेहाल यात्रा पूरे दमखम के साथ कांग्रेस के हर मौर्चे पर राहुल के साथ खड़ी रहीं एकाएक रीता को लेकर भाजपा में जाने की अटकलें लगाई जाने लगीं लेकिन आज रीता ने भाजपा का दामन थाम कर कांग्रेस को विधान सभा चुनावों के समर की शुरूआत के पहले करारा झटका दे दिया है।

piyush-shukla(अजस्रपीयूष शुक्ला, संवाददाता)

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