फतेहपुर: शहर के चौक क्षेत्र में यातायात पुलिस अपने ही बनाए नियम का पालन नहीं करा सकी। इसका असर यह हुआ कि ट्रैफिक सुधार को लेकर जो दावे किए जा रहे थे, वह हवा-हवाई हो गए। इससे लोगों को जहां तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं, जिम्मेदार अधिकारी मामले पर कुछ कहने से कतरा रहे हैं।
चौक क्षेत्र में ट्रैफिक बेहतर करने के लिए ई-रिक्शा और सभी व्यावसायिक वाहनों को प्रतिबंधित किया गया था, लेकिन फिलहाल यह व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। यहां पर दिनभर जाम लगता है और वाहन चालकों के बीच नोक-झोंक होती है। चौक में मुख्यमार्ग पर दुकान लगने के साथ ही जहां-तहां दो पहिया, चार पहिया वाहनों को खड़ा किया जाता है। इससे ट्रैफिक को निकलने की जगह कम हो जाती है।
लोगों के बीच हो जाती है कहा–सुनी
ऐसे में व्यावसायिक वाहनों के आने से पहले से ही हांफ रहा ट्रैफिक दम तोड़ देता है। कई बार तो जल्दी निकलने के चक्कर में लोगों के बीच एक-दूसरे से कहा-सुनी भी हो जाती है। ऐसी तमाम अव्यवस्थाओं के बीच लोग चौक क्षेत्र से निकलते हुए यातायात पुलिसकर्मियों को कोसते रहते हैं।
मामले पर यातायात क्षेत्राधिकारी संजय सिंह बात की गई तो उन्होंने कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया। हालांकि, जवाब देना और ना देना अधिकारियों के मन की बात है, लेकिन सवाल यह है कि इस अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार कौन है और इसका समाधान कैसे होगा? यहां पर जिन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगती थी, उन्हें कहां तैनात किया गया है? साथ ही साथ लोग यह भी जानना चाहते हैं कि किसके आदेश पर यहां से ड्यूटी हटाई गई है?
इस तरह ध्वस्त हुई व्यवस्था
चौक क्षेत्र की इस समस्या से निपटने के लिए यहां पर ई-रिक्शा से लेकर सभी व्यावसायिक वाहनों को प्रतिबंधित किया गया था। शुरुआत में यह व्यवस्था कुछ दिन बढ़िया चली और लोगों को राहत भी मिली। व्यावसायिक वाहनों को रोकने के लिए चौक की ओर आने वाले सभी एंट्री प्वॉइंट पर बैरिकेडिंग लगाकर पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।
हालांकि, उसी बीच जनवरी में कुंभ हुआ और यहां पर तैनात पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के लिए प्रयागराज भेज दिया गया। इससे चौक की यातायात व्यवस्था ध्वस्त होने लगी। कुंभ समापन के बाद पुलिसकर्मी तो वापस आ गए, लेकिन चौक की व्यवस्था आज भी जस की तस बनी हुई है। इस तरह कहा जा सकता है कि यातायात पुलिस विभाग अपना ही अदेश पालन कराने में नाकाम हो गई है।