देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर प्रकृति ने अपना विकराल रूप दिखाया है। बीते शुक्रवार शाम उत्तराखंड में उत्तरकाशी, टिहरी समेत चार जगह बादल फटा है। जिसके बाद मौसम विभाग ने अगले 36 घंटे के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। हालात को देखते हुए उत्तराखंड में मौजूद ITBP को अलर्ट पर रखा गया है। बादल फटने की घटना के बाद बचाव दल की पांच टीमों को उत्तराखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में भेज दिया गया है। आंधी तूफान से यमुनाघाटी में बिजली गुल हो गई है। उत्तराखंड में बादल फटने की घटना के बाद राजधानी दिल्ली में भी अचानक मौसम ने करवट बदली। देर शाम दिल्ली-एनसीआर में तेज धूल भरी आंधी चलने लगी।
उत्तराखंड में चार जगह बादल फटा
बता दें कि बादल फटने के बाद उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में तेज बारिश हो रही है। शाम से ही आसपास के इलाके में तेज हवाएं चल रही हैं। उत्तरकाशी, टिहरी के अलावा पौड़ी और बालाकोट भी बादल फटा है। इन इलाकों में SDRF की टीम को रवाना कर दिया गया है। कि उत्तराखंड में खराब मौसम की वजह से बद्रीनाथ मार्ग को रोक दिया गया था, जिसे 8 घंटे बाद खोला गया। अब बद्रीनाथ और गोबिंदघाट की गाड़ियों को ऋषिकेश की तरफ भेजा जा रहा है। इसके अलावा बद्रीनाथ और हेमकुण्ड जाने वाले श्रद्धालुओं को जोशीमठ में ही रोका गया है। जैसे ही बद्रीनाथ गोबिंदघाट में फंसे यात्री निकल जाएंगे तब जोशीमठ में जगह जगह रोके गए यात्रियों को आगे भेजा जाएगा।
आग की तबाही के बाद अब बादल फटा
आपको बता दें कि उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से जंगलों में भीषण आग लगी हुई है, जिसके कारण काफी परेशानी हो रही है। आग करीब पिछले पंद्रह दिनों से उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में जंगलों में फैली हुई है। जंगलों में आग की घटना के बाद अब बादल फटने की प्राकृतिक घटना हुई है।
2013 में आ चुकी है प्राकृतिक आपदा
गौरतलब है कि इससे पहले भी 2013 में प्रकृति उत्तराखंड में अपना कहर दिखा चुकी है। जून 2013 में बादल फटने की घटना ने प्राकृतिक आपका का रूप ले लिया था। जिसके कारण करीब 4500 से अधिक लोगों मौत हुई थी। काफी समय के लिए केदारनाथ धाम की यात्रा को भी रोक दिया था। अब एक बार फिर केदारनाथ पुरी को दोबारा बसाने का काम जारी है।