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B’day Spcl: हार्दिक पांड्या ने काफी दिन तक गुजारे गरीबी में दिन, फिर बने विश्व के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर

hardik pandya B'day Spcl: हार्दिक पांड्या ने काफी दिन तक गुजारे गरीबी में दिन, फिर बने विश्व के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर

नई दिल्ली:  टीम इंडिया के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या गुरुवार को अपना 25वां जन्मदिन मना रहे हैं। गुजरात के ऑलराउंडर को आईपीएल से पहचान मिली और जैसे ही उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मौका मिला तो उन्होंने इसे दोनों हाथों से लपक लिया। हार्दिक पांड्या अब टीम इंडिया के प्रमुख और विश्व के सक्रिय सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर्स की लिस्ट में शामिल हैं।

hardik pandya B'day Spcl: हार्दिक पांड्या ने काफी दिन तक गुजारे गरीबी में दिन, फिर बने विश्व के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर

सफलता का मुकाम हासिल किया पांड्या ने

हार्दिक पांड्या ने विपरीत परिस्थितियों का सामना करके सफलता का मुकाम हासिल किया है। अगर कोई इस क्रिकेटर की निजी जिंदगी के बारे में जाने तो उसे प्रेरणा जरूर मिलेगी कि अगर आप लक्ष्य बना लें तो कड़ी मेहनत से उसे हासिल किया जा सकता है। हार्दिक की कहानी भी काफी प्रेरनादायी है।

हार्दिक के पिता फाइनेंस का व्यापार करते थे

हालांकि, पांड्या परिवार का समय हमेशा से ऐसा नहीं रहा। हार्दिक के पिता हिमांशु पांड्या गुजरात के सूरत में फाइनेंस का व्यापार करते थे। उन्हें 1998 में इसे बंद करना पड़ा और पूरा परिवार फिर वडोदरा चला गया।  हार्दिक के पिता हिमांशु पांड्या क्रिकेट के बहुत बड़े दीवाने हैं और वह अपने दोनों बेटों (हार्दिक व क्रुणाल) को मैच दिखाने के लिए ले जाते थे।

यहीं से हार्दिक और क्रुणाल को क्रिकेटर बनने की प्रेरणा मिली। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के बावजूद भी हिमांशु ने अपने बेटों को वडोदरा में किरण मोरे एकेडमी में भेजा, जहां से हार्दिक के क्रिकेटर बनने की यात्रा शुरू हुई।

एक इंटरव्यू में किया खुलासा 

हालांकि, पैसों की तंगी के चलते हार्दिक को काफी संघर्ष भी करना पड़ा। ऑलराउंडर ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि आर्थिक स्थिति सही नहीं होने की वजह से उन्होंने ऐसे भी दिन देखे जब नाश्ता और डिनर में सिर्फ मैगी खाकर रहना पड़ा। यह तो अधिकांश लोग जानते हैं कि एक एथलीट की डाइट कितनी होती है, लेकिन हार्दिक ने पैसों की तंगी को देखते  हुए इससे समझौता किया।

हार्दिक ने सिर्फ खाने के लिए ही समझौता नहीं किया, बल्कि उनके पास क्रिकेट किट खरीदने के पैसे भी नहीं थे। अभ्यास में वह अपने साथियों से किट मांगकर बल्लेबाजी करते थे। हार्दिक का इतना कड़ा संघर्ष सफल हुआ और आईपीएल में उनका चयन हुआ। फिर परिणाम सभी के सामने हैं। ऐसे मैच विनर खिलाड़ी का जन्मदिन सचमुच विशेष हैं।

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