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…तो क्या मुस्लिमों की आस्था का विषय है तीन तलाक?

3 talaq ...तो क्या मुस्लिमों की आस्था का विषय है तीन तलाक?

नई दिल्ली। तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। पिछले 5 दिनों में सुप्रीम कोर्ट में कई पक्ष अपना-अपना नजरिया रख चुके हैं। मंगलवार को चल रही सुनवाई के दौरान ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का पक्ष रख रहे वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक की प्रथा लगभग 1400 साल पुरानी है। जैसे राम का अयोध्या में जन्म लेना लोगों के लिए आस्था का विषय बन सकता है तो तीन तलाक मुस्लिमों की आस्था का विषय क्यों नहीं बन सकता है।

3 talaq ...तो क्या मुस्लिमों की आस्था का विषय है तीन तलाक?

महिलाओं के पास है कई अधिकार

आगे बोलते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि इस्लाम धर्म ने महिलाओं को काफी पहले ही अधिकार दिये हुए हैं। परिवार और पर्सनल लॉ संविधान के तहत हैं, यह व्यक्तिगत आस्था का विषय है। जस्टिस कुरियन जोसेफ ने जब कपिल सिब्बल से पूछा कि क्या कोई ई-तलाक जैसी भी चीज है।

भारत में क्यों खत्म नहीं हो सकता तीन तलाक

सोमवार को हो रही सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल ने कोर्ट में कहा कि भारत के पड़ोसी मुल्क जो पूरी तरह से इस्लामिक है वहां पर तीन तलाक जैसी प्रथा खत्म हो चुकी है तो भारत में क्यों नहीं? कोर्ट के सामने सरकार का पक्ष रखते हुए कोर्ट ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों में भी तीन तलाक जैसी प्रथा खत्म हो चुकी है और भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य होने के बावजूद इस मामले पर विचार कर रहा है। आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले पर जल्द ही केंद्र सरकार एक कानून बनाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि देश के कई हाईकोर्ट एक साथ ट्रिपल तलाक के खिलाफ आदेश दे चुके हैं।

बहु-विवाह और निकाह हलाला पर होगी सुनवाई

तीन तलाक के मामले पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने कहा है कि वो बहु-विवाह और निकाह हवाला पर भी सुनवाई करेगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो ट्रिपल तलाक की संवैधानिकता पर ही सुनवाई करेगा। सोमवार को जब अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रेफरेंस में तीनों मसलों पर सुनवाई करने​का आदेश दिया गया था। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट बहु विवाह और निकाह हलाला पर भी सुनवाई को तैयार हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले हम ट्रिपल तलाक पर फैसला करेंगे, उसके बाद दोनों मसलों पर सुनवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रिपल तलाक के फैसले का असर बहु विवाह और निकाह हलाला पर भी हो सकता है।

केंद्र सरकार लाएगी कानून

सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट में केंद्र सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि अगर शीर्ष अदालत तीन तलाक सहित तलाक के सभी तरीकों को निरस्तर कर देती है तो मुस्लिम समाज में शादी और तलाक के नियमन के लिए नया कानून लाया जाया जाएगा।

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