रांची। बिहार में मुख्यमंत्री पद के लिए सभी राजनीतिक पार्टिया खूब उठक-पटक कर रही है। सभी को सत्ता के सुख भोगने की लालसा लगी हुई है। इसी बीच 42 महीने से झारखंड की जेल में सजा काट रहे आरजेडी के सुप्रीमो लालू यादव भी बिहार की राजनीति की चमक-दमक देखने के लिए झारखंड कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की थी। लेकिन कोर्ट ने उनके मंशूबो पर पानी फेर दिया और उनकी जमानत को 27 नवंबर तक के लिए टाल दिया। हालांकि लालू यादव अपनी आधी सजा काट चुके हैं। लेकिन उन्हें कोर्ट की तरफ से अभी कोई भी संतुष्ट जबाब नहीं मिल पाया है।
दुमका कोषगार से गबन के मामले में जमानत नहीं-
बता दें कि दुमका ट्रेजरी मामले में लालू प्रसाद 42 माह जेल में रह चुके हैं. दुमका कोषगार से गबन के मामले में जमानत नहीं मिलने के बाद अब आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को जेल में ही रहना होगा. चारा घोटाले के चार मामलों में लालू यादव को सजा मिली है, जिनमें से चाईबासा के दो मामले और देवघर के मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है. जिसके चलते दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में आधी सजा काटने के आधार पर जमानत देने की गुहार लगाई गयी थी. लेकिन झारखंड हाईकोर्ट ने लालू यादव की उम्मीदों को बड़ा झटका देते हुए उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई को 27 नवंबर तक के लिए टाल दिया है.
लालू यादव को16 तरह की बीमारियां होने का दावा-
दरअसल आज उम्मीद की जा रही थी कि आधी सजा काटने के बाद उन्हें इस मामले में जमानत मिल सकती है. लालू के वकील देवर्षि मंडल ने बताया कि इस मामले में अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई निर्धारित की थी. लालू का मामला रांची हाइकोर्ट में जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की पीठ के सामने सूचीबद्ध किया गया. दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में आधी सजा काटने के आधार पर जमानत देने की गुहार लगाई गयी थी इसके साथ ही लालू की ओर से उन्हें किडनी, हृदय रोग और शुगर सहित 16 तरह की बीमारियां होने का भी दावा किया गया था.