नई दिल्ली। किसान आंदोलन को आज 53वां दिन है और इस कड़ाके की ठंड में भी किसान खुले आसमान के नीचे डटे हुए हैं। इसी बीच एक बार फिर यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। बता दें कि किसानों ने गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को दिल्ली में टैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है और दिल्ली पुलिस से इसकी इजाजत मांगी है। इसी मुद्दे को लेकर एकबार फिर कोर्ट में आज सुनवाई होनी है कि किसानों को टैक्टर रैली निकालने की इजाजत मिलती है या नहीं। आज इस सुनवाई पर सभी की नजरे बनी हुई हैं।
गौरतलब है कि कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हजारों किसानों को लगभग दो महीने पूरे हो चुके हैं। अबतक सरकार और किसानों में नौ राउंड की बातचीत हो चुकी है, कई मसलों पर सहमति बनी है लेकिन अब किसान संगठन तीनों कानूनों की वापसी पर अड़े हैं। ऐसे में इस विवाद का हल कब और कैसे निकलता है, इसपर देश की निगाहें हैं।
कृषि कानून के खिलाफ किसानों की जंग जारी है और आज एक बार फिर ये मुद्दा देश की सर्वोच्च अदालत में सुना जाना है। किसान संगठनों ने गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है और दिल्ली पुलिस से इजाजत मांगी है। इसी मसले पर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, ऐसे में किसानों को इजाजत मिलती है या नहीं इसपर सभी की नज़रें हैं।
किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि दिल्ली में किसानों के द्वारा ट्रैक्टर रैली रिंग रोड पर निकाली जाएगी, ऐसे में किसी को परेशानी नहीं होगी। साथ ही रैली को राजपथ की परेड के बाद ही निकाला जाएगा, किसान अपनी ट्रैक्टर रैली में करीब 50 किमी। का सफर करेंगे। अब दिल्ली पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए इस ट्रैक्टर रैली को रद्द करने की अपील की है।
इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति द्वारा भी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया है। जिसमें अपील की गई है कि कृषि कानून के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी गठित की है, उसे दोबारा बनाया जाए। किसान संगठनों का कहना था कि कमेटी के सभी सदस्य पहले से ही कानून समर्थक रहे हैं, ऐसे में उनके साथ न्याय नहीं होगा।
बता दें कि इन आरोपों के बीच ही भूपिंदर सिंह मान ने कमेटी की सदस्यता को छोड़ दिया था। याचिकाओं से इतर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने अपनी पहली बैठक की तारीख फिक्स कर ली है। 19 जनवरी को कमेटी पहली बार बैठक करेगी, इस कमेटी में अब अशोक गुलाटी, प्रमोद जोशी, अनिल घनवंत शामिल हैं