नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन को आज 56वां दिन है। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के चारों ओर डटे हुए हैं। इसके साथ ही आज किसान संगठनों और सरकार के बीच 10वें दौर की वार्ता होनी है। क्योंकि पिछली 9 वार्ताओं में कोई भी समाधान नहीं निकल पाया है। इसके साथ ही किसान संगठनों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च करने का ऐलान किया है। जिसके चलते इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से जुड़े मामलों पर सुनवाई की है। इसके साथ ही आज फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। जिसके चलते चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े ने कहा कि हम मामला लंबित नहीं रखेंगे। पुलिस तय करे, उसे अधिकार है।
26 जनवरी को किसान करेंगे टैक्ट्रर मार्च-
बता दें कि किसान आंदोलन दिनों दिन उग्र होता जा रहा है। किसानों का कहना है कि जब तक कृषि कानूनों का सरकार द्वारा वापस नहीं लिया जाता है, तब तक हम यहीं डटे रहेंगे। इसके साथ ही किसान संगठनों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च करने का ऐलान किया है। जिसके चलते आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और दिल्ली पुलिस से इस पर फैसला लेने को कहा था। इसी बीच आज सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े ने कहा कि हम मामला लंबित नहीं रखेंगे। पुलिस तय करे, उसे अधिकार है। इसके साथ ही आज किसान संगठनों और सरकार के बीच फिर एक बार समाधान निकालने के लिए 10वें दौर की बैठक होगी। सरकार और किसानों की इस जंग में इस समय कोई रास्ता निकलता हुआ नजर नहीं आ रहा है।
RSS ने समाधान ढूंढने को कहा-
इसके साथ ही आज किसान आंदोलन पर आरएसएस की ओर से एक बड़ा बयान आया है। RSS से संबंध रखने वाले सुरेश जोशी भैयाजी ने दोनों पक्षों से समाधान ढूंढने को कहा है। इसके साथ ही आरएसएस का कहना है कि किसी भी आंदोलन का बहुत लंबे समय तक चलना समाज की सेहत के लिए अच्छा नहीं है।